बाघों के सामने जानलेवा जालों में फंसने का खतरा
कोच्चि। एशिया के जंगलों में बाघों को सिर्फ वहां घूमते शिकारियों से ही गंभीर खतरा नहीं है बल्कि जानलेवा जालों में फंसने का खतरा और भी बड़ा है। विश्व संरक्षण संगठनों ने चेतावनी दी है। संगठनों ने बाघों की मौजूदगी वाले राज्यों की सरकारों से अनुरोध किया है कि पूरे महाद्वीप के जंगलों को इस संकट से बचाएं।
यह चेतावनी 'ग्लोबल टाइगर डे' के अवसर पर वैश्विक वन्यजीव व्यापार निगरानी नेटवर्क ‘ट्रैफिक’ और वन्यजीव संरक्षण तथा लुप्तप्राय: प्रजातियों के प्रमुख संगठन डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने शनिवार को जारी की।
‘ट्रैफिक’ की वेबसाइट पर एजेंसियों ने एक आलेख में कहा कि विश्व के बचे हुए जंगली बाघों के सामने इन जालों का गंभीर खतरा है। इस क्षेत्र में 3,900 बाघ हैं। दुनिया में बाघों की कुल संख्या में से 70 प्रतिशत से अधिक बाघ भारत में हैं।
वर्ष 2006 में जहां भारत में बाघों की संख्या 1,411 थी वहीं यह 2014 में बढ़कर 2,226 हो गई। एजेंसी ने आलेख में दावा किया कि साइकल के केबल तारों की मदद से आसानी से बनाए जा सकने वाले तारों के जाल एशिया के जंगलों में संकट बनते जा रहे हैं। (भाषा)