हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार, सुरक्षा एजेंसियों की जांच में खुलासा हुआ है कि सारे आतंकवादी पाकिस्तान में कमांडो ट्रेनिंग लिए हुए थे और इन्हें जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का ऑपरेशनल कमांडर कासिम जान हैंडल कर रहा था। कासिम के तार 2016 के पठानकोट हमले से भी जुड़े है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मारे गए आतंकी शकरगाह में सांबा सीमा पर जैश के शिविर से 30 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे थे। यह सफर उन्होंने ढाई घंटे में तय किया था। इसके बाद जटवाल स्थित पिकअप प्वाइंट तक पहुंचे थे।
सुरक्षा एजेंसियों की जांच से यह भी पता चला है कि चारों आतंकी संभवतः 2.30 से 3 बजे रात ट्रक में बैठे। इस ट्रक ने जम्मू की तरफ जाते हुए 3.44 बजे सरोर टोल प्लाजा को पार किया। उसके बाद ट्रक नरवाल बाइपास से कश्मीर की तरफ मुड़ गया। 4.45 बजे सुरक्षा बलों ने बान टोल प्लाजा पर इसे रोका और इसके बाद आतंकियों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया।