अपनी आस्था को बेचकर सत्ता हासिल करने वाले उद्धव और Oh, So Efficient Mumbai Police!
सुशांत सिंह राजपूत की गर्लफ्रेंड रही रिया चक्रवर्ती सिर्फ एक शील्ड है। जो इन दो मौतों की फाइल की तहों में छुपे ‘द बिग फिश’ के लिए इम्युनिटी का काम कर रही है, कोई शक नहीं कि अगर रिया नाम की यह शील्ड कमजोर पड़ जाए या खतरे में तब्दील हो जाए तो किसी दिन उसे भी डिलिट कर दिया जाए।
सुशांत की मौत आत्महत्या है या हत्या यह तो बिहार पुलिस या सीबीआई की निष्पक्ष जांच के बाद ही पता चल सकेगा, लेकिन इस मामले में जिस तरह से महाराष्ट्र की उद्धव सरकार और मुंबई पुलिस की नीयत उजागर हुई है उसे पूरे देश ने देख लिया है। देश की ज्यादातर जनता यह समझ गई है कि रसूखदारों को बचाने के लिए पुलिस और प्रशासन की सांठगांठ किस हद तक जा सकती है।
न्याय हो या न हो, लोगों को यह भी समझ आ गया है कि सुशांत के मामले में जो कुछ भी हुआ है वो एक ‘ऑर्गनाइज्ड क्राइम’ है।
मुंबई पुलिस ने सामान्य आत्महत्या दिखाकर सुशांत की मौत की जिस फाइल को ‘ऑलमोस्ट’ बंद कर दिया था, उसकी तहों में दिशा सालियान की मौत का राज ही नहीं छुपा है, बल्कि उसमें बॉलीवुड के ‘व्हाइट कॉलर’ क्रिमिनल भी हैं और राजनीति के रसूखदार भी।
अगर इस अपराध में मुंबई के बड़े घरों के रहस्य नहीं होते तो इन्हें बचाने की जद्दोजहद में उद्धव सरकार और मुंबई पुलिस का गिरेबां इस कदर उजागर नहीं हुआ होता।
सबसे पहले सुशांत की संदिग्ध मौत को बगैर किसी जांच के मुंबई पुलिस ने आत्महत्या करार दे दिया गया। इसके बाद इस मामले में बिहार पुलिस की एंट्री को रोकने की भरसक कोशिश की गई। बिहार पुलिस को सहयोग नहीं किया गया। जब बिहार पुलिस के आईपीएस विनय तिवारी जांच के लिए मुंबई जाते हैं तो उन्हें क्वरांटाइन के नाम पर हाउस अरेस्ट कर लिया गया। दिशा सालियान की मौत की फाइल मांगने पर उसका डिलिट होना बता दिया गया।
यह सब ऐसे सवाल और रहस्य हैं, जिससे साबित होता है कि सुशांत और दिशा की मौत के तार माया नगरी की कई इमारतों के अंदर तक जाते हैं।
सुशांत और दिशा की जांच में यह सब होने से पूरी तरह से साफ हो गया है कि मुंबई पुलिस बचा रही है, तो वहीं बिहार पुलिस किसी भी कीमत पर उस सत्य को हासिल करना चाहती है।
दो केस, दो राज्य, दो राज्यों की पुलिस और दोनों की दो अलग-अलग नीयत।इससे सबसे बड़ी भूमिका उद्धव ठाकरे सरकार की है। ये वही सरकार है जिसने कुछ महीनों पहले ही अपनी चिर हिंदूत्व की अवधारणा को बेचकर महाराष्ट्र की सत्ता हासिल की थी। जब कोई अपनी अवधारणा आस्था से समझौता कर के आगे बढ़ता है तो उसी दिन से उसके ऊपर दबाव शुरू हो जाता है। उद्धव ठाकरे के साथ यही हो रहा है। उन पर राजनीतिक दबाव है, उन पर बॉलीवुड का दबाव है, उन पर राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का दबाव है, उन पर शरद पवार की एनसीपी का दबाव है और उन पर कांग्रेस का दबाव है।
ऐसे में मुंबई और पूरे महाराष्ट्र से उनके पास कितने कॉल्स आते होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। उनके इसी दबाव के कारण मुंबई में कितने माफिया पनप रहे हैं जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।
जाहिर है इस सरकार के अधीन संचालित होने वाली ओह, ‘सो इफिशिएंट’ मुंबई पुलिस सुशांत और दिशा की मौत के मामले में क्या कर रही है, क्या कर सकती है यह जगजाहिर हो गया है।
सुशांत सिंह राजपूत की गर्लफ्रेंड रही रिया चक्रवर्ती सिर्फ एक शील्ड है। जो इन दो मौतों की फाइल की तहों में छुपे ‘द बिग फिश’ के लिए इम्युनिटी का काम कर रही है, कोई शक नहीं कि अगर रिया नाम की यह शील्ड कमजोर पड़ जाए या खतरे में तब्दील हो जाए तो किसी दिन उसे भी डिलिट कर दिया जाए। Oh, So Efficient Mumbai Police !
(इस लेख में व्यक्त विचार लेखक की निजी अनुभूति है, वेबदुनिया का इससे कोई संबंध नहीं है।)