खतना पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ऐसा कृत्य व्यक्तिगत गोपनीयता का उल्लंघन
नई दिल्ली। महिलाओं के खतना के विरोध में दाखिल एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी समाज में ऐसी रूढ़ियों की प्रैक्टिस व्यक्तिगत गोपनीयता का उल्लंघन हैं। पिछली सुनवाई में अदालत ने कहा कि धर्म के नाम पर कोई भी किसी के जननांग को कैसे छू सकता है।
अदालत ने कहा कि महिला की जिंदगी सिर्फ शादी, पति और बच्चों के लिए नहीं है। उसकी अन्य भी इच्छाएं हो सकती हैं। पति के प्रति समर्पण ही महिला का कर्तव्य नहीं है। अदालत ने कहा कि महिलाओं का खतना सिर्फ इसलिए नहीं किया जा सकता कि उन्हें शादी करनी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह की परंपरा महिलाओं की निजता का उल्लंघन है। यह लैंगिक संवेदनशीलता का मामला है साथ ही स्वास्थ्य ने लिए खतरनाक भी हो सकता है।
दूसरी ओर याचिकाकर्ता की तरफ से वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि प्राइवेट पार्ट को छूना पॉस्को के तहत अपराध है। ऐसे में किसी भी आपराधिक कृत्य की सिर्फ इसलिए इजाजत नहीं दी जा सकती है क्योंकि वह प्रथा है। इस मामले पर मंगलवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।