पर्यावरण मंत्री यादव बोले- कुछ नुकसान के बावजूद प्रोजेक्ट चीता सफल रहा
Statement of Union Environment Minister regarding Project Cheetah : केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को कहा कि जलवायु परिस्थितियों के भिन्न होने के कारण कुछ चीतों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बावजूद प्रोजेक्ट चीता काफी सफल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में अफ्रीकी चीतों के पहले ठिकाने मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में शावकों के जन्म ने प्रोजेक्ट की सफलता में योगदान दिया है।
वन्यजीव फोटोग्राफर आरजू खुराना की एक फोटोग्राफी प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर यादव ने कहा, प्रोजेक्ट चीता बहुत सफल रहा है। हम 20 चीते लाए... दुर्भाग्य से, जलवायु परिस्थितियों के कारण कुछ को खो दिया। हम गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में और चीते लाने की योजना बना रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि जब चीते आए तो कुनो में वन रेंजर चिंतित हो गए, लेकिन उन्होंने उनसे कहा कि वे चिंता न करें और पूरी लगन से काम करें क्योंकि ऐसे प्रयासों के परिणाम आने में समय लगता है। पहले अंतरमहाद्वीपीय स्थानांतरण के तहत अब तक कुल 20 चीते कुनो में लाए जा चुके हैं। सितंबर 2022 में नामीबिया से आठ और फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे।
भारत आने के बाद से तीन मादा और पांच नर समेत कुल आठ चीते मर चुके हैं। भारत में 17 शावकों का जन्म हुआ है, जिनमें से 12 जीवित हैं। इसके साथ ही कुनो में शावकों समेत चीतों की कुल संख्या 24 हो गई है। फिलहाल सभी चीतों को बाड़ों में रखा गया है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour