उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान चर्चा के केंद्र में है। सूबे में योगी सरकार बनने के बाद मुश्किलों में घिरे सपा सांसद आजम खान के खिलाफ अब तक विभिन्न प्रकार के 81 मामले दर्ज किए जा चुके है जो अपने आप में एक तरह का रिकॉर्ड है।
रामपुर के एसपी अजयपाल शर्मा के एक बयान के मुताबिक एसपी सांसद पर अब तक 81 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। जिसमें तीन मामलों मे गिरफ्तारी वारंट भी जारी किए गए हैं। प्रशासन की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद अब संभवत: सपा सांसद आजम खान मुरदाबाद मंडल में पुलिस की नजर में ऐसे राजनेता अपराधी बन गए है जिस पर सबसे अधिक केस दर्ज है।
पॉवरफुल नेता से कैसे बने ‘मफिया’ : उत्तर प्रदेश में पिछली अखिलेश सरकार के समय सबसे ताकतवर मंत्री रहे आजम खान सरकार बदलते ही प्रशासन की नजर में भू-माफिया बन गए। योगी सरकार में उनके खिलाफ तबाड़तोड़ केस दर्ज करने के साथ ही जिला प्रशासन ने उनको भू- माफिया भी घोषित कर दिया है।
पुलिस की फाइलों में आजम खान के खिलाफ बिजली चुराने, किताब चुराने से लेकर भैंस चुराने तक का मामला दर्ज है। सपा सांसद पर अकेले जौहर यूनिवर्सिटी के लिए अवैध तरीके से सरकारी और लोगों की जमीन कब्जाने के लिए करीब 27 मामले दर्ज है। अब तक 81 मामले दर्ज होने के बाद अब उन पर गिरफ्तारी की तलवार भी लटक रही है।
परिवार पर भी कसा शिकंजा : रामपुर पुलिस प्रशासन ने आजम खान समेत उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ शिकंजा कसते हुए उनको भी कई मामलों में आरोपी बनाया है। जिला प्रशासन ने आजम खान के घर पर करीब पांच नोटिस चस्पा कर उनकी घेराबंदी कर दी है।
एसआईटी की ओर से आजम खान की पत्नी राज्यसभा सांसद डॉ. तजीन फात्मा, विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम और अदीब आजम के नाम पर नोटिस जारी कर उनसे तीन दिन में जवाब मांगा है। जौहर यूनिवर्सिटी के जमीन कब्जाने के एक अन्य मामले में पिछले हफ्ते पुलिस ने आजम खान की बहन को हिरासत मे लेकर पूछताछ भी की थी।
समर्थन पर सपा में सस्पेंस : चौतरफा मुश्किलों में घिरे आजम खान को पिछले हफ्ते उस वक्त थोड़ी राहत मिली थी जब समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव खुद उनके समर्थन में आगे आए थे। मुलायम सिंह यादव ने प्रेस कांफेंस कर आजम खान को बेकसूर ठहराते हुए सपा कार्यकर्ताओं को उनके समर्थन में धरना प्रदर्शन करने को कहा था।
मुलायम की इस अपील के बाद पार्टी अब तक सड़क पर नजर नहीं आ रही है,उल्टे पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह आजम खान के लिए कोई नया आंदोलन नहीं शुरु करेगी। सोमवार को आजम खान के समर्थन में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के ‘रामपुर कूच’ करने का कार्यक्रम था लेकिन ऐनवक्त पर वह भी टल गया।
अखिलेश ने कार्यक्रम टालने के पीछे कारण मुरर्हम, गणेश पूजा और जिला प्रशासन की मंजूरी नहीं मिलना बताया। अखिलेश ने अब 13-14 सितंबर को रामपुर जाने की घोषणा की है। मीडिया से बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि रानजीतिक इतिहास में पहली बार इस तरह के ताबड़तोड़ मुकदमे दर्ज कराए जा रहे है।
उन्होंने रामपुर प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह लोगों पर दबाव बनाकर मुकदमे दर्ज कराने की आर्जियां ले रहा है। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने अखिलेश का दौरा निरस्त होने के पीछे उनके डर को बताया।
उपचुनाव में सबकी नजर : एक ओर योगी सरकार में हर दिन के साथ आजम खान के खिलाफ एक नया केस दर्ज हो रहा है तो दूसरी ओर अब सबकी नजर रामपुर में होने वाले विधानसभा उपचुनाव पर टिक गई है। आजम खान के लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद अब रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है जिसको लेकर सियासत गर्मा गई है।
लोकसभा चुनाव में मोदी की प्रचंड लहर में भी रामपुर लोकसभा सीट से भाजपा की दिग्गज उम्मीदवार जयाप्रदा को हराने वाले आजम खान कहते हैं कि मोदी लहर में भाजपा को हरा देना उनके लिए महंगा साबित हो रहा है। आजम खान रामपुर में एक बार अपनी जीत दर्ज कराकर अपनी सियासी शक्ति का परिचय देना चाहते है। फिलहाल अपने बयानों के जरिए अक्सर पीएम मोदी पर निशाने साधने वाले आजम खान के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे है।