शरद पवार की चुनावों को लेकर सलाह, विवाद से बचने के लिए सतर्कता बरतेगा विपक्षी गठबंधन
Sharad Pawar's advice: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने शुक्रवार को कहा कि विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' (India) राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता बरतेगा कि इसके सहयोगी साझेदारों के बीच कोई विवाद न हो। इन राज्यों में राजस्थान और मध्यप्रदेश भी शामिल हैं, जहां कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं।
पवार महाराष्ट्र के पुणे जिले के बारामती में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने मराठा आरक्षण और प्याज पर निर्यात शुल्क जैसे मुद्दों पर भी बात की। अगले वर्ष होने वाले आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने के लिए बनाए गए 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) में 24 से अधिक विपक्षी दल शामिल हैं।
पवार ने पश्चिम बंगाल में स्पष्ट टकराव के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वहां निकट भविष्य में अभी कोई चुनाव नहीं है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में कुछ सीटों पर दावा जताते कहा कि जब चुनाव नजदीक हों तो 'इंडिया' गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच मतभेदों से इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि हम गठबंधन से निष्पक्ष नेताओं को भेजकर मुद्दों को हल कर लेंगे।
पवार ने कहा कि कुछ महीनों में 4 से 5 राज्यों में चुनाव होने हैं और उनके लिए यह ज्यादा महत्वपूर्ण है। विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' तय करेगा कि राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में गठबंधन के सहयोगी दल कैसे मिलकर काम करते हैं? मुंबई लौटने के बाद मैं कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं से बातचीत करूंगा तथा हम यह सुनिश्चित करने के लिए एहतियात बरतेंगे कि इन राज्यों में गठबंधन के साझेदारों के बीच कोई विवाद न हो।
राकांपा प्रमुख ने कहा कि यह प्रक्रिया अगले 8 से 10 दिनों में शुरू होगी। छत्तीसगढ़, मिजोरम, मध्यप्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना में कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इस समय सुर्खियों में आए मराठा आरक्षण के बारे में पूछे जाने पर राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने खबरों में पढ़ा है कि राज्य में एकनाथ शिंदे सरकार ने इस मुद्दे का समाधान करने का वादा किया है। पवार ने कहा कि यह देखना होगा कि राज्य सरकार आने वाले दिनों में क्या निर्णय लेती है?
प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह किसानों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि यह हमारी मांग रही है कि इस निर्यात शुल्क को वापस लिया जाए। इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली में बैठक बुलाई है। आशा करते हैं कि उस बैठक से कुछ सकारात्मक निकलेगा अन्यथा किसानों के बीच की बेचैनी को नियंत्रित नहीं किया जा सकेगा।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले द्वारा अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को नकारात्मक प्रचार से बचने के लिए पत्रकारों को ढाबों में ले जाने के कथित सुझाव के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के पत्रकार उन भोजनालयों में चाय और भोजन के भूखे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणी 'पत्रकार' वर्ग का अपमान है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta