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Last Updated :नई दिल्ली , बुधवार, 2 जनवरी 2019 (20:46 IST)

राहुल गांधी की पीएम नरेन्द्र मोदी को चुनौती, मेरे साथ 20 मिनट बहस कर लें...

राहुल गांधी की पीएम नरेन्द्र मोदी को चुनौती, मेरे साथ 20 मिनट बहस कर लें... - Rahul Gandhi attacks PM Modi
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा सरकार पर बड़ा हमला करते हुए बुधवार को कहा कि लड़ाकू विमान राफेल की कीमत 526 करोड़ से बढ़कर 1600 करोड़ रुपए कैसे हो गई।
 
राहुल ने एक फिर कहा कि चौकीदार चोर है। उन्होंने कहा कि मोदीजी ने कॉन्ट्रैक्ट बदला। अनिल अंबानी के लिए राफेल डील बदली गई। अंबानी को 30 हजार करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि प्रोसीजर की धज्जियां उड़ाकर अनिल अंबानी को ऑफसेट पार्टनर बनाया गया, जबकि अंबानी ने पूरी जिंदगी में कभी विमान नहीं बनाया। 
 
उन्होंने मोदी को चुनौती देते हुए कहा कि वे राफेल मुद्दे पर उनके (राहुल) के साथ बहस कर लें। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यूपीए सरकार ने 526 करोड़ रुपए में ठेका दिया था। ऐसे में विमानों की कीमत 1600 करोड़ रुपए कैसे हो गई। राहुल ने कहा कि जेटली ने पीएम को बचाने की कोशिश की है। जेटली के बयान पर राहुल ने कहा कि जब विमान सस्ती दरों पर मिल रहे हैं तो फिर 36 ही क्यों खरीदे गए। 

राहुल गांधी ने नरेन्द्र मोदी से सवाल पूछते हुए कहा कि उन्हें जवाब देना चाहिए कि राफेल की नई डील पर डिफेंस मंत्रालय ने आपत्ति ली या नहीं, साथ ही डील 526 करोड़ से बढ़कर 1600 करोड़ की हुई, यह किसका निर्णय था। इस पर एयरफोर्स ने आपत्ति ली या नहीं। एचएएल को बाहर करने का फैसला किसका था। 

राहुल ने कहा कि इस संबंध में जो खुलासे हो रहे हैं वह भी भाजपा के नेता ही कर रहे हैं। आज ही इस सौदे को लेकर एक टेप सामने आया है जिसमें पूर्व रक्षा मंत्री तथा गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का कैबिनेट में की गई बातचीत संबंधी एक खुलासा भाजपा के ही एक मंत्री ने किया है। इसमें पर्रिकर धमकी दे रहे हैं और प्रधानमंत्री को ब्लैकमेल कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि उनके बेडरूम में राफेल से जुड़े दस्तावेज हैं। सवाल है कि पर्रिकर के बेडरूम में कौन सी सूचना है इसका खुलासा होना चाहिए?
 
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मोदी ने विमान खरीद की प्रक्रिया बदली है। इस पर वायु सेना ने आपत्ति जताई या नहीं, इसका खुलासा होना चाहिए और यह भी बताया जाना चाहिए कि इसका ठेका अनिल अम्बानी की कंपनी को किस आधार पर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सच्चाई को छिपाया नहीं जा सकता और जहां भी सच्चाई छिपाई जा रही है वहां नया झूठ सामने आ रहा है। जेटली ने खुद ही बता दिया कि 526 करोड़ रुपए और 1600 करोड़ रुपए का आंकड़ा कहां से आया।
 
गांधी ने प्रधानमंत्री के साक्षात्कार का जिक्र किया और कहा कि राफेल के बारे में उनसे कोई सवाल नहीं पूछ रहा है। उन्होंने कहा कि पता नहीं मोदी जी किस दुनिया में रहते हैं। यह मजेदार बात है कि प्रधानमंत्री सोचते हैं कि किसी और के बारे में सवाल पूछा जा रहा है जबकि सवाल देश उन्हीं से पूछ रहा है। उन्हें जवाब देना चाहिए कि रक्षा मंत्रालय ने नए सौदे के बारे में कोई आपत्ति जताई थी कि नहीं। दूसरा विमानों की जो कीमत 1600 करोड़ रुपए की गई है वह बताएं कि यह फैसला मोदी का था या वायु सेना का था। यदि वायुसेना का फैसला नहीं था तो क्या वायु सेना ने इस बारे में कोई आपत्ति दर्ज की है।
 
उन्होंने कहा कि अनिल अम्बानी ने जिंदगी भर हवाई जहाज नहीं बनाए हैं जबकि एचएएल 70 साल से बना रही है। एचएएल के पास बहुत अनुभव है। उसे हटाया क्यों गया। सबसे बड़ा सवाल जो जहाज हिंदुस्तान में बनना था जिस फैसले से देश की विमान बनाने की क्षमता बढ़नी थी उसे हटाने का किसका निर्णय था। क्या फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति सच बोल रहें या नहीं। इन सब सवालों का जवाब देश मोदी से सुनना चाहता है।