शुक्रवार, 20 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Rahul Gandhi attacks Nirmala Sitharaman
Written By
Last Updated : शनिवार, 13 फ़रवरी 2021 (14:14 IST)

सीतारमण का पलटवार, हम दो, हमारे दो के बीच आए 'दामाद', निशाने पर राहुल

सीतारमण का पलटवार, हम दो, हमारे दो के बीच आए 'दामाद', निशाने पर राहुल - Rahul Gandhi attacks Nirmala Sitharaman
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि 'हम दो, हमारे दो' में दामाद की जमीन वापस करने की बात करते तो ज्यादा अच्छा होता, लेकिन ऐसा कुछ नहीं बोले। वित्तमंत्री ने कहा कि हमारे मित्र दामाद नहीं हैं। ऐसे लोग उस पार्टी की आड़ में छिपे हैं, जिसे जनता ने खारिज कर दिया है।

 
निर्मला सीतारमण ने कहा ‍कि सरकार तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए शनिवार को कहा कि कांग्रेस नेता फर्जी विमर्श गढ़ते हैं, देश को तोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़े होते हैं और संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करते हैं।

उन्होंने कहा कि 'हम दो, हमारे दो' में दामाद की जमीन वापस करने की बात करते तो ज्यादा अच्छा होता, लेकिन ऐसा कुछ नहीं बोले। वित्तमंत्री ने कहा कि हमारे मित्र दामाद नहीं हैं। ऐसे लोग उस पार्टी की आड़ में छिपे हैं, जिसे जनता ने खारिज कर दिया है। 
 
सीतारमण ने दस सवालों के माध्यम से आरोप लगाया सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने संस्थाओं को बनाया और फिर उनका अपने ‘हम दो, हमारे दो’ के लिए दुरुपयोग किया। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि वह एक ‘डूम्सडे मैन’ (प्रलय की बात करने वाला व्यक्ति) हैं।
 
सीतारमण ने लोकसभा में बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस नेता को चर्चा में बोलते समय यह जवाब देना चाहिए था कि कांग्रेस ने कृषि सुधारों को लेकर अपने रुख से क्यों बिलकुल पलट गए?
 
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने गुरुवार को बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए तीन नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला था और आरोप लगाया था कि यह ‘हम दो, हमारे दो’ की सरकार है।
 
उन्होंने यह दावा भी किया था कि इन तीनों कानूनों के कारण मंडिया खत्म हो जाएंगी और कृषि क्षेत्र कुछ बड़े उद्योगपतियों के नियंत्रण में चला जाएगा।
 
वित्त मंत्री ने अपने जवाब के दौरान 10 सवालों के माध्यम से राहुल गांधी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मैं सहमत हूं कि बजट पर चर्चा के दौरान कृषि के मुद्दे पर बात होती है क्योंकि यह बजट का हिस्सा है। लेकिन जब वह (राहुल गांधी) बोलने खड़े हुए तो बजट पर बोलने के लिए भूमिका रखी, लेकिन इस पर बोले ही नहीं।
 
सीतारमण ने कहा कि उस समय उम्मीद थी कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बताएंगे कि कांग्रेस ने 2019 के घोषणापत्र में किए वादे से क्यों पलटी मारी? पहले तो कृषि सुधारों का समर्थन करते थे, लेकिन अब नहीं कर रहे हैं।
 
उन्होंने कांग्रेस के सदस्यों की टोका-टोकी के बीच कहा कि कांग्रेस ने कई राज्यों में चुनाव जीतने के लिए कर्जमाफी का वादा किया था। लेकिन सरकार बनने के बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कर्जमाफी नहीं हुई।
 
वित्त मंत्री ने कहा, 'किसानों की पीठ में छुरा घोंप दिया। उम्मीद थी कि राहुल गांधी इस बारे में बताएंगे लेकिन नहीं बताया।'
 
सीतारमण ने कहा कि उन्होंने सोचा था कि कांग्रेस नेता कम से यह बात बोलेंगे कि उनकी ओर से पंजाब में किसानों से जुड़े कानून को हटाने का आदेश वहां के मुख्यमंत्री को दिया गया है। उन्होंने राहुल गांधी पर कटाक्ष जारी रखते हुए कहा कि मुझे उम्मीद थी कि वह बताएंगे कि तीनों कृषि कानूनों में किस प्रावधान में कमी है। लेकिन यह भी नहीं बताया।
 
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए अपने वक्तव्य में छोटे किसानों के बारे में बात की थी। सोचा था कि राहुल गांधी बोलेंगे कि उन्होंने ‘अपने दो’ से बोल दिया है कि वे किसानों जमीन वापस कर दें।
 
वित्त मंत्री ने किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के सम्मान में राहुल गांधी की ओर से सदन में आसन की अनुमति के बिना कुछ देर मौन रखने का हवाला देते हुए सवाल किया कि उन्होंने संविधान का अपमान क्यों किया?
 
उन्होंने कहा कि इससे पहले वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अपमान कर चुके हैं। जब वह विदेश में थे तो राहुल गांधी ने अध्यादेश की प्रति को फाड़कर फेंक दिया। न वह (राहुल) तब के प्रधानमंत्री (मनमोहन सिंह) का सम्मान करते हैं और न अब के प्रधानमंत्री का सम्मान करते हैं।
 
सीतारमण ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी लगातार फर्जी विमर्श गढ़ते रहते हैं। वह लगातार देश को नीचा दिखाने की कोशिश करते रहते 
 
उन्होंने बजट चर्चा के दौरान राहुल गांधी सहित कांग्रेस के सदस्यों के वॉकआउट की ओर इंगित करते हुए कहा कि जब जवाब दिया जाता है तो सुनते नहीं हैं या फिर वॉकआउट करते हैं। कांग्रेस का कृषि कानूनों को लेकर राज्यसभा में अलग रुख था और लोकसभा में दूसरा रुख था। (भाषा)
ये भी पढ़ें
शाहीन बाग मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, प्रदर्शन करने का अधिकार कहीं भी कभी भी नहीं