कश्मीर के पूर्व आतंकियों की पाकिस्तानी पत्नियों और बच्चों के निर्वासन की प्रक्रिया शुरू
निर्वासित किए जा रहे लोगों में अधिकतर पूर्व आतंकवादियों की पत्नियां और बच्चे हैं, जो पूर्व आतंकवादियों के लिए 2010 की पुनर्वास नीति के तहत घाटी में लौटे थे।
Deportation of Pakistanis: जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों ने मंगलवार को 60 पाकिस्तानियों (60 Pakistanis) को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है जिनमें से एक आतंकी हमले में मारे गए पुलिसकर्मी की मां भी हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन सभी को विभिन्न जिलों से इकट्ठा करके बसों में पंजाब ले जाया गया, जहां उन्हें वाघा सीमा (Wagah border) पर पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा।
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मुदासिर अहमद शेख की मां शमीमा अख्तर भी निर्वासित : आतंकवादियों से लड़ते हुए मई 2022 में मारे गए विशेष पुलिस अधिकारी मुदासिर अहमद शेख की मां शमीमा अख्तर भी निर्वासित किए जा रहे लोगों में शामिल हैं। मुदासिर जम्मू-कश्मीर पुलिस की एक टीम का हिस्सा थे जिसने विदेशी आतंकवादियों के एक समूह को रोका था। इस घटनाक्रम से खुश नहीं दिख रहे मुदासिर के चाचा मोहम्मद यूनुस ने कहा कि मेरी भाभी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से हैं, जो हमारा क्षेत्र है। केवल पाकिस्तानियों को ही निर्वासित किया जाना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि मुदासिर की मृत्यु के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने परिवार से मुलाकात की थी और उपराज्यपाल भी 2 बार परिवार से मिलने आए थे। यूनुस ने कहा कि मेरी भाभी जब यहां आई थीं, तब उनकी उम्र 20 साल थी और वह 45 साल से यहां रह रही हैं। (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी और अमित शाह से मेरी अपील है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta