प्रियंका गांधी ने कहा, मेरी प्रॉपर्टी से रॉबर्ट वाड्रा का कोई लेना-देना नहीं
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि उनकी संपत्ति से उनके पति रॉबर्ट वाड्रा या उनकी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने ये जवाब फरीदबाद में खरीदी गई एक जमीन पर उठे सवालों के बाद दिया है। इसी बीच खबर है कि जस्टिस एसएन ढींगरा कमिशन की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि वाड्रा ने साल 2008 में हरियाणा में एक लैंड डील से गैरकानूनी रूप से 50.50 करोड़ रुपए का मुनाफा बनाया था, जबकि उस लैंड डील में उनका एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ था।
इधर, प्रियंका ने अपने ऊपर लगे उन आरोपों को बेबुनियाद और सियासी साजिश बताया है जिसमें जमीन के सौदे में उनके पति रॉबर्ट वाड्रा के फाइनेंस करने की बात कही गई है। एक मीडिया हाउस द्वारा कथित तौर पर सवाल उठाए जाने के बाद प्रियंका के कार्यालय की ओर से ये बयान दिया गया है।
सवाल उठाया गया था कि रॉबर्ट वाड्रा को 28 अप्रैल, 2006 में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के जमीन सौदे में डीएलएफ से जो पैसा मिला, क्या उसके एक हिस्से का इस्तेमाल उनकी पत्नी ने हरियाणा के फरीदाबाद में संपत्ति खरीदने के लिए किया। उल्लेखनीय है कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी रियल्टी कंपनी डीएलफए के साथ भूमि सौदों को लेकर हरियाणा सरकार की नजरों में है।
प्रियंका की ओर से बताया गया है कि 28 अप्रैल, 2006 को उन्होंने 5 एकड़ जमीन हरियाणा के फरीदाबाद जिले के अमीपुर गांव में खरीदी थी। इसके लिए 15 लाख रुपए का भुगतान चेक से किया गया था। प्रियंका गांधी ने इसके लिए जरूरी 4% सरकारी शुल्क चुकाया था, जो कि जमीन की कीमत के मुताबिक 60 हजार रुपये था। ये सौदा स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी के कथित जमीन सौदे से 6 साल पहले हुआ था।
बयान में यह भी स्पष्ट किया गया कि जमीन खरीदने के लिए प्रियंका ने दादी इंदिरा गांधी से विरासत में मिली संपत्ति के किराए की आय का इस्तेमाल किया था। प्रियंका गांधी की तरफ से खरीदी गई किसी भी प्रॉपर्टी के भुगतान का संबंध रॉबर्ट वाड्रा या उनकी कंपनी स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी या डीएलएफ से नहीं है।
17 फरवरी, 2010 को प्रियंका ने इस जमीन को इसके मूल मालिक को 80 लाख रुपए में बेच दिया था। ये सौदा जमीन की तब की बाजार कीमत के हिसाब से हुआ था और पूरा भुगतान भी चेक से लिया गया था। (एजेंसी)