केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा होगी 20 भाषाओं में
नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सीबीएसई को केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) पहले की ही तरह 20 भाषाओं में आयोजित करने का आदेश दिया है। जावड़ेकर ने ये आदेश तमिल, मलयालम, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती और बंगला सहित 17 भाषाओं को सीटीईटी के लिए विकल्पों की सूची से हटाने के सीबीएसई के फैसले की व्यापक आलोचना होने के बाद दिए हैं।
जावड़ेकर ने ट्वीट किया कि सीटीईटी परीक्षा पहले की तरह ही सभी भारतीय भाषाओं में ली जाएगी। मैंने सीबीएसई को उसी तरह सभी 20 भाषाओं में यह परीक्षा लेने का आदेश दिया है जिस तरह पहले यह परीक्षा ली जाती थी। उन्होंने आगे कहा कि सीटीईटी की परीक्षा अंग्रेजी, हिन्दी, असमिया, बंगला, गारो, गुजराती, कन्नड़, खासी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, मिजो, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु, तिब्बती और उर्दू में ली जाएगी।
द्रमुक नेता कनिमोझी ने 17 भाषाओं को हटाने के सीबीएसई के पूर्व के फैसले को लेकर ट्विटर पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह फैसला अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाएं बोलने वाले लोगों के लिए गहरा झटका साबित होगा। उन्होंने लिखा कि तमिल और 16 अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा से हटाने का फैसला अत्यंत निंदनीय और संघवाद की जड़ों पर प्रहार है। सीबीएसई के तमिल मातृभाषा वाले छात्र को शिक्षकों के बिना गहरा नुकसान ही होगा।
कनिमोझी ने कहा कि छात्र अपनी मातृभाषा पढ़ने के बजाय हिन्दी और संस्कृत पढ़ने के लिए बाध्य हैं। इससे पूरे देश में एक अन्य भाषा संघर्ष शुरू हो जाएगा। यह हिन्दी, हिन्दू व हिन्दुस्तान बनाने की भाजपा की एक और कोशिश है। (भाषा)