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Last Updated : बुधवार, 17 नवंबर 2021 (12:02 IST)

पीठासीन अधिकारियों को पीएम मोदी ने दिया नया मंत्र, कही बड़ी बात

पीठासीन अधिकारियों को पीएम मोदी ने दिया नया मंत्र, कही बड़ी बात - PM Modi new mantra
शिमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि आने वाले वर्षों में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है तथा असाधारण लक्ष्यों का हासिल करना है और यह संकल्प सबके प्रयास से ही पूरा होगा। उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्ष, भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसमें हम एक ही मंत्र को चरितार्थ कर सकते हैं क्या - कर्तव्य, कर्तव्य, कर्तव्य।
 
प्रधानमंत्री ने 82वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्‍मेलन के उद्घाटन सत्र को वीडियो कांफ्रेंस के माध्‍यम से संबोधित करते हुए कहा कि भारत की संघीय व्यवस्था में जब 'सबका प्रयास' की बात करते हैं तो सभी राज्यों की भूमिका उसका बड़ा आधार होती है।
 
उन्होंने कहा कि हमें आने वाले वर्षों में देश को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाना है व असाधारण लक्ष्य हासिल करने हैं। ये संकल्प ‘सबके प्रयास’ से ही पूरे होंगे।
 
पीएम मोदी ने कहा ‍कि चाहे पूर्वोत्तर की दशकों पुरानी समस्याओं का समाधान हो, दशकों से अटकी-लटकी विकास की तमाम बड़ी परियोजनाओं को पूरा करना हो, ऐसे कितने ही काम हैं जो देश ने बीते सालों में किए हैं, सबके प्रयास से किए हैं। अभी सबसे बड़ा उदाहरण हमारे सामने कोरोना का भी है।
 
उन्होंने कोविड महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में राज्यों की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि सबके प्रयास के बगैर इस लड़ाई के खिलाफ जीत हासिल करना मुश्किल था। उन्होंने कहा कि आज भारत कोविड-19 रोधी टीकों की 110 करोड़ खुराक अपने देशवासियों को दे चुका है।
 
मोदी ने कहा कि जो कभी असंभव लगता था, वह आज संभव हो रहा है। इसलिए हमारे सामने भविष्य के जो सपने हैं, संकल्प हैं, वह भी पूरे होंगे। यह, देश और राज्यों के एकजुट प्रयासों से ही पूरे होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि यह समय अपनी सफलताओं को आगे बढ़ाने का है, और जो रह गया है उसे पूरा करने का है।
 
उन्होंने कहा कि एक नई सोच और नई दृष्टि के साथ हमें भविष्य के लिए नई नीतियां और नियम भी बनाने हैं। सदन की परम्पराएं और व्यवस्थाएं स्वभाव से भारतीय हों, हमारी नीतियां, हमारे कानूनों में भारतीयता के भाव को, ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को मजबूत करने वाली हों, तथा सबसे महत्वपूर्ण बात.... , सदन में हमारा खुद का भी आचार-व्यवहार भारतीय मूल्यों के हिसाब से हो।