नोटबंदी ने भ्रष्टाचार के अनेक स्रोतों को जन्म दिया : मायावती
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा एक साल पहले जल्दबाजी में उठाए गए नोटबंदी के कदम से भ्रष्टाचार के अनेक नए स्रोतों का जन्म हुआ, जिसका लाभ भाजपा एंड कंपनी के करीबी तथा चहेते लोगों ने ही उठाया है।
बसपा अध्यक्ष ने नोटबंदी का 1 साल पूरा होने पर यहां कहा कि 8 नवंबर 2016 को मोदी सरकार द्वारा जल्दबाजी में अपरिपक्व तरीके से 500 तथा 1,000 रुपए के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया। यह कदम मुट्ठीभर चहेते नेताओं तथा उद्योगपतियों को छोड़कर पूरे देश के लिए संकट साबित हुआ।
मायावती ने कहा कि भ्रष्टाचार तथा कालेधन के अभिशाप से देश के लोग काफी दु:खी हैं, लेकिन इससे छुटकारा मिलता हुआ कहीं नजर नहीं आ रहा है। नोटबंदी से तो अनेक प्रकार के नए भ्रष्टाचार के स्रोतों का जन्म हुआ है जिसका लाभ भाजपा एंड कंपनी के करीबी तथा चहेते लोगों ने उठाया। उन्होंने नोटबंदी को भारत के इतिहास का एक काला अध्याय बताते हुए कहा कि पैराडाइज पेपर भंडाफोड़ तथा मीडिया द्वारा अन्य रहस्योद्घाटन इस बात को प्रमाणित करते हैं कि भाजपा एंड कंपनी के लोग जनता को ठग रहे हैं।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि नोटबंदी के संबंध में सरकारी दावे एक के बाद एक पूरी तरह गलत तथा झूठे साबित हो रहे हैं। क्या भाजपा और मोदी सरकार इसके लिए जनता से माफी मांगेगी? उन्होंने कहा कि बसपा की सलाह है कि भाजपा नोटबंदी का 1 साल पूरा होने के अवसर को एंटीब्लैक मनी डे मनाने के स्थान पर नोटबंदी माफी दिवस के रूप में मनाए।
मायावती ने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार बड़े-बड़े पूंजीपतियों की ही सरकार है और उनके हित तथा फायदे के लिए सब कुछ करने को तैयार रहती है। इसका एक और उदाहरण तब उजागर हुआ जब अभी हाल ही में सरकारी बैंकों को 2.11 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त पूंजी मुहैया कराई गई है, जबकि इन्हीं धन्ना सेठों को अनुचित लाभ पहुंचाने की नीति के कारण ही सरकारी बैंक कंगाल बन गए हैं, साथ ही देश की आम जनता की गाढ़ी कमाई का धन बैंकों में डूबता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता तथा मंत्री लगातार धन्ना सेठ बनते जा रहे हैं, भाजपा धन प्रवाह से लगातार फूलती-फलती जा रही है। यह तथ्य साबित करता है कि मोदी सरकार की नीति तथा कार्यकलाप पाक-साफ नहीं होकर काफी जुगाड़ तथा गड़बड़-घोटाले वाली है। अपनी इन कमियों पर पर्दा डालने के लिए ही इन्होंने द्वेष, नफरत तथा जातिवादी राजनीति अपनाई है। (भाषा)