जम्मू। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुंजवां सैन्य शिविर में हुए आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराते हुए कहा कि पाकिस्तान अपने दुस्साहस की कीमत चुकाएगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार पाकिस्तान के साथ सबूत साझा कर रही है, उन्होंने हां में जवाब दिया। निर्मला सीतारमण ने कहा कि हां, जुटाए गए सभी सबूतों को संकलित किया जाएगा और निश्चित रूप से हमेशा की तरह ही पाकिस्तान को सबूत दिए जाएंगे। लेकिन दस्तावेज दर दस्तावेज मुहैया कराए जाने के बावजूद पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
उन्होंने कहा कि खुफिया सूचनाएं इशारा करती हैं कि यहां सुंजवां सैन्य शिविर में जिन आतंकवादियों ने हमला किया था उन्हें सीमा पार से नियंत्रित किया जा रहा था।
रक्षा मंत्री ने कहा कि तीन आतंकवादी मारे गए हैं हालांकि प्रारंभिक सूचना में चार आतंकवादियों के होने की बात पता चली थी। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि चौथे ने गाइड की भूमिका निभाई हो। यह भी संभावना है कि घुसपैठिए को स्थानीय सहायता मिली हो।
निर्मला ने कहा कि पाकिस्तान के अजहर मसूद की ओर से प्रायोजित जैश ए मोहम्मद आंतकवादियों के हमले में पांच सैनिकों सहित छह लोगों की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि सैन्य शिविर में आतंकवादी विरोधी अभियान को सोमवार सुबह समाप्त कर दिया गया लेकिन सफाया अभियान अभी भी जारी है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि जैश ए मोहम्मद के जिस गुट ने हमला किया है हो सकता है कि वह कुछ दिल पहले घुस आया हो और संभवतया उसे स्थानीय सहयोग मिला हो। आतंकवादियों ने उस सैन्य ठिकाने को निशाना बनाया जिसमें जवान और उनके परिवार दोनों ही रहते थे।
उन्होंने कहा कि कैन्टोनमेंट की जनसांख्यिकी और आस पास के क्षेत्र यह इशारा करते हैं कि आंतकवादियों को स्थानीय सहायता मिली होगी और इस क्षेत्र में आंतकवादी हमले की आंशंका का अलर्ट जारी किया गया। रक्षा मंत्री ने कहा कि त्वरित प्रतिक्रिया दलों (क्यूआरटी) को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है। ऐसे अनुमान लगाया गया है कि आतंकवादी कमजोर तत्वों को निशाना बना सकते हैं इसलिए क्यूआरटीओं को सुंजवां परिवार क्वाटरों में भी तैनात किया गया है।
निर्मला ने कहा कि संत्रियों ने अंतकवादियों की घुसपैठ को तत्काल देख लिया और पास के ही क्यूआरटी ने उन्हें ललकारा जिसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी हुई। इस त्वरित कार्रवाई ने आंतकवादियों को अलग अलग बंट जाने पर मजबूर कर दिया और इस तरह एक समन्वयित हमला होने से टल गया। अलग थलग हुए आंतकवादी फैमली क्वार्टर में पुहंच गए और उन्हें कुछ ब्लॉकों पर कब्जा कर लिया।
उन्होंने बताया कि चूकि आंतकवादी लड़ाकू वर्दी में थे और संभावित पीडितों की ही तरह प्रतीत हो रहे थे इस लिए नुकसान को कम करने के लिए अभियान को जानबूझ का धीमा किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी खुफिया जानकारियां इशारा कर रही हैं कि इन आंतकवादियों को सीमा पार से नियंत्रित किया जा रहा था।
रक्षा मंत्री ने मारे गए सैनिकों और उनके परिजन के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि वे देश को भरोसा दिलाना चाहतीं हैं कि उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। इससे पहले दिन में वे यहां सेना के सुंजवां शिविर पर आतंकी हमले में घायल लोगों से मिलने सेना के अस्पताल पहुंचीं।
रक्षा मंत्री ने इसके बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की। निर्मला को सुंजवां में हुए आतंकी हमले के बीच सुरक्षा स्थिति से अवगत कराया गया।
उन्होंने कहा कि सेना के शिविर की बाउंड्रीवाल के बगल में ही नागरिक मकानों के निर्माण देश में एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि बाउंड्री वॉल के बगल से ही असैन्य निर्माण कार्य चल रहे हैं जिन्हें हटाना मुश्किल हैं क्योंकि ये काम बकायदा मंजूरी के साथ हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसका भी कोई हल निकाला जाएगा। (भाषा)