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Last Updated :नई दिल्ली , रविवार, 31 दिसंबर 2023 (13:07 IST)

निर्यात के लिए अच्छा रहेगा नया साल, 900 अरब डॉलर से ज्‍यादा की उम्‍मीद

निर्यात के लिए अच्छा रहेगा नया साल, 900 अरब डॉलर से ज्‍यादा की उम्‍मीद - New year will be good for exports due to increase in demand and decrease in inflation
New year will be good for exports : विकसित देशों में मुद्रास्फीति घटने, ब्याज दरों में नरमी, वैश्विक मांग में धीरे-धीरे सुधार और अन्य कारकों की वजह से नया साल देश के निर्यात के लिए अच्छा रहने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि 2024 में देश का कुल निर्यात (वस्तुओं और सेवाएं) 900 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता है।
 
अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है कि सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन वस्तुओं की तुलना में बेहतर रहेगा। देश का कुल निर्यात 2024 में 900 अरब डॉलर से अधिक हो सकता है। इसके 2023 में 764 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।
 
माना जा रहा है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए की स्थिरता, लातिनी अमेरिका और अफ्रीका जैसे नए बाजारों पर ध्यान, मोबाइल और ताजा फल जैसी नई वस्तुओं, ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से भी देश को निर्यात के मामले में नए साल में स्वस्थ वृद्धि दर्ज करने में मदद मिलेगी।
 
भू-राजनीतिक दबाव और महामारी के बाद चीन के धीमे पुनरुद्धार सहित विभिन्न चुनौतियों के कारण इस वर्ष निर्यात पर असर पड़ने के बावजूद भारत के वस्तुओं और सेवाओं के निर्यातकों ने विकसित के साथ विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में अवसरों का लाभ उठाया।
 
चालू वर्ष की शुरुआत निर्यात में गिरावट के साथ हुई। जून में निर्यात में 19 प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि नवंबर 2023 में निर्यात में गिरावट कम होकर 2.83 प्रतिशत रह गई। एक अधिकारी ने बताया कि वस्तुओं का निर्यात अक्टूबर में 6.21 प्रतिशत बढ़ा है और यह रुख 2024 में भी जारी रहने की उम्मीद है।
 
अधिकारी ने कहा कि 2024 में इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, वाहन और वाहन कलपुर्जों, उच्च प्रौद्योगिकी वाले उत्पाद, फार्मास्युटिकल्स, चिकित्सा और नैदानिक ​​​​उपकरणों का निर्यात 2024 में और आगे बढ़ने की संभावना है। विशेषज्ञों ने वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नए उत्पादों और नए गंतव्यों पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया है।
 
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, भारत का 2024 में व्यापार के मोर्चे पर प्रदर्शन कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारकों पर निर्भर करेगा। चूंकि विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ दो प्रतिशत है, इसलिए श्रम गहन क्षेत्रों में क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने और सेवा क्षेत्र में विविधता के जरिए हम निर्यात के मोर्चे पर कुछ हैरान करने वाला प्रदर्शन कर सकते हैं।
 
उन्होंने कहा कि 2023 में भारत का व्यापार परिदृश्य वैश्विक प्रवृत्ति को प्रतिबिंबित करता है। कुल व्यापारिक निर्यात में 5.3 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है, जो अंकटाड (व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन) के वैश्विक व्यापार में पांच प्रतिशत की गिरावट के अनुमान के अनुरूप है।
 
भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, वैश्विक स्तर पर महंगाई कम हो रही है और ज्यादातर केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में वृद्धि रोक दी है, जिससे मांग बढ़ रही है। सहाय ने कहा, 2024 में नए ऑर्डर बढ़ने की उम्मीद है। हमारा अनुमान है कि नए साल में हमारा वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात 900 अरब डॉलर से अधिक रहेगा।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour 
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