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Last Updated : शनिवार, 31 दिसंबर 2016 (21:59 IST)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन - narendra modi speech live
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘बेईमान लोगों’ के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी, साथ ही उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं, किसानों, ग्रामीण आवास, छोटे उद्यमियों, मध्यम वर्ग के लिए कई योजनाओं की घोषणा की ताकि नोटबंदी के प्रभाव को कम किया जा सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सरकार सज्जनों की मित्र और दुर्जनों को सज्जनता के रास्ते पर लाने को तत्पर है। सरकार का प्रयास होगा कि ईमानदार अधिक प्रतिष्ठित हों, उन्हें कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े। नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने के बाद राष्ट्र के नाम संबोधन में की गई घोषणाओं में प्रधानमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों को 10 साल के लिए 7.5 लाख रुपए तक की जमा पर 8 प्रतिशत ब्याज की गारंटी होगी। ब्याज का भुगतान मासिक किया जाएगा। 
देश के 650 से ज्यादा जिलों में गर्भवती महिलाओं के खाते में आर्थिक सहायता के रूप में 6000 रुपए जमा किए जाएंगे ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं चिकित्सा खर्च वहन कर सकें। किसानों के लिए प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि जिला को-ऑपरेटिव बैंक और प्राथमिक सोसाइटी से लिए गए ऋण पर बैंक 60 दिन तक कोई ब्याज नहीं लेंगे।
 
प्रधानमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्र में आवास योजना के तहत दो नई योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने कहा कि देश में काफी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके पास अपना घर नहीं है। गरीब, निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग के लोग घर खरीद सकें, इसके लिए सरकार दो योजनाएं लाने जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नौ लाख रुपए तक के ऋण पर ब्याज दर में चार प्रतिशत छूट और 12 लाख रुपए तक के ऋण पर 3 प्रतिशत ब्याज छूट मिलेगी।
 
उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत में घर बनाने के लिए दो लाख रुपए के ऋण पर ब्याज दर में तीन प्रतिशत की छूट मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भ्रष्टाचार, कालाधन की बात आती है तो राजनेता, राजनीतिक दल और चुनाव में खर्च के बारे में चर्चा होती है। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि सभी दल देश के ईमानदार नागरिकों की भावनाओं का आदर करें, जनता के आक्रोश को समझें। 
 
मोदी ने कहा कि चालाकी के रास्ते खोजने वालों के लिए आगे के रास्ते बंद हो चुके हैं। बेईमान लोगों को मुख्यधारा में आना ही होगा। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि कुछ लोगों ने गंभीर अपराध किए हैं। मोदी ने कहा कि कुछ लोगों ने गंभीर अपराध किए हैं। कुछ बैंक के और सरकारी अधिकारियों ने गंभीर अपराध किए हैं, अदातन फायदा उठाने का निर्लज्ज प्रयास किया है। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि आलोचकों द्वारा रबी फसल में भारी नुकसान के पूर्वानुमान के बावजूद रबी फसल की बुवाई में छ: प्रतिशत की वृद्धि और खाद की बिक्री में नौ प्रतिशत की बढोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार छोटे व्यवसायियों के दो करोड़ रुपए तक कर्ज की गारंटी लेगी। पहले यह सीमा एक करोड़ रुपए तक के कर्ज की थी।
 
मोदी ने कहा कि बैंकों से छोटे व्यवसायियों के लिए नकद ऋण सीमा को मौजूदा 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने को कहा गया है। पांच सौ रुपए और 1000 रुपए के नोटों को अमान्य करने के कदम को ऐतिहासिक शुद्धि यज्ञ करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार, कालाधन और जाली मुद्रा ने आम आदमी को पंगु बना दिया है और देश के ईमानदार लोग घुटन महसूस कर रहे थे।
 
भ्रष्टाचार, कालाधन, जालीनोट की बुराई के आगे लोग घुटने टेकने को मजबूर हो गए थे। उनका मन इसे स्वीकार नहीं करता था लेकिन परिस्थितियों के कारण उन्होंने इसे स्वीकार किया। मोदी ने कहा कि 125 करोड़ लोगों ने यह साबित कर दिया है कि नोटबंदी के बाद की कठिनाइयों के बावजूद लोगों ने अप्रतिम धैर्य, त्याग की पराकाष्ठा, संकल्प के साथ लड़ाई लड़ी और यह प्रदर्शित किया कि सचाई और ईमानदारी उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है। लोगों ने खून-पसीने और कडी मेहनत से एक उज्ज्वल भविष्य की नींव रखी है। काल के कपाल पर यह अंकित हो गया है।
 
 
उन्होंने कहा कि दुष्प्रचार की आंधी के बावजूद लोगों ने अपने सामर्थ्य से प्रदर्शित किया है कि वे गरीबी से निकलने को आतुर हैं। नोटबंदी के कारण लोगों को हुई परेशानियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे पता है कि लोगों को अपना पैसा निकालने के लिए कतारों में खड़े होना पड़ा, लेकिन लोग भ्रष्टाचार, काला धन और जाली मुद्रा के खिलाफ लड़ाई में एक कदम भी पीछे नहीं हटे।
 
मोदी ने कहा कि आमतौर पर जब अच्छाई के लिए कोई आंदोलन होता है तो सरकार और जनता आमने-सामने होती है लेकिन यह विषय उदाहरण है कि अच्छाई के लिए सरकार और जनता कंधे से कंधा मिलाकर काम कर सकती है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों आपको अपना पैसा निकालने के लिए कष्ट उठाना पड़ा। अब प्रयास यह है कि बैंकों को सामान्य स्थिति की तरफ ले जाया जाए। सभी जिम्मेदार लोगों से कहा गया है कि बैंकिंग व्यवस्था को सामान्य बनाने पर ध्यान दें। 
 
ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में पूरी सक्रियता के साथ छोटी से छोटी बातों पर ध्यान देने को कहा गया है ताकि किसानों, ग्रामीणों के कष्ट दूर हों। नोटबंदी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा विश्व में तुलना करने के लिए कोई दूसरा उदाहरण नहीं है।
 
मोदी ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट सामान्य प्रचलन में कम और सामानांतर अर्थव्यवस्था में ज्यादा चल रहे थे। हमारे समकक्ष अर्थव्यवस्था वाले देशों में इतना कैश नहीं था। प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में कैश का अभाव तकलीफदेह होता है लेकिन यह न भूले कि अधिक मात्रा में कैश और भी तकलीफदेह होता है। हमारा प्रयास है कि इसमें संतुलन बनाया जाए। 
 
मोदी ने कहा कि लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए सभी संबंधित पक्षों को बैंकिंग प्रणाली को सामान्य रूप से बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं, खासतौर से ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में। बैंकों से कहा गया है कि उनके पास जो बडी राशि आई है उनसे वे गरीबों, निम्न वर्ग और मध्यम वर्गों को लक्षित योजनाओं पर ध्यान दें।
 
उन्होंने कहा कि हमारे समान आकार वाली अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था में नकदी का प्रचलन गैर अनुपातिक रूप से अधिक था जिससे महंगाई बढ़ी। लोगों द्वारा आय की घोषणा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह हास्यापद है कि केवल 24 लाख लोगों ने अपनी आय दस लाख रूपये से अधिक होने की घोषणा की है।
 
मोदी ने कहा कि अवैध संपत्ति रखने वालों के खिलाफ कानून अपना काम करेगा लेकिन सरकार की प्राथमिकता है कि ईमानदारों को संरक्षण मिले और उनकी कठिनाइयां कम हों। उन्होंने कहा कि बड़े नोटों को अमान्य करने के फैसले ने काला धन, आतंक, मानव तस्करी तथा जाली मुद्रा को गहरे तक चोट पहुंचाई है।
 
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में यह तथ्य है कि आतंकवाद, नक्सलवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी, हथियारों की तस्करी करने वाले, जालीमुद्रा और कालेधन पर निर्भर है। इस एक निर्णय ने इन सभी पर गहरी चोट की है। आज नौजवान हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने और बढते चुनाव खर्च पर बहस की पेशकश की। (भाषा)