नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल के प्रधानमंत्री की शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। गुरुवार को आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में वीवीआईपी सहित 8,000 अतिथि शामिल हो रहे हैं। इन मेहमानों के लिए नाश्ते, लंच और डिनर का बेहतरीन इंतजाम किया गया है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा करीब 40 घंटे में पकने वाली दाल की हो रही है, जिसे ‘दाल रायसीना' नाम दिया गया है।
प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मेजबानी वाले रात्रि भोज में विदेशी गणमान्य लोगों को राष्ट्रपति भवन रसोई का खास व्यंजन ‘दाल रायसीना' परोसी जाएगी। दाल रायसीना बनाने में इस्तेमाल की जानी वाली मुख्य चीजें लखनऊ से मंगाई गई हैं।
राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता अशोक मलिक ने बुधवार को बताया कि शपथ ग्रहण समारोह के बाद ‘बिमस्टेक' देशों के नेताओं के अलावा उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री सहित लगभग 40 गणमान्य लोगों को रात्रि भोज दिया जाएगा।
खास दाल : ‘दाल रायसीना' एक खास तरह की दाल होती है जिसे बनाने में 30 से 40 घंटे का वक्त लगता है। प्रवक्ता ने बताया कि दाल रायसीना की तैयारी मंगलवार को शुरू की गई थी। मलिक ने कहा, समारोह में शरीक होने वाले अतिथियों के लिए ‘पनीर टिक्का' जैसे हल्के जलपान की व्यवस्था होगी।
बताया जा रहा है कि समारोह का मेन्यू काफी गुप्त रखा गया है लेकिन फिर भी कुछ खास चीजों के बारे में जानकारी बाहर आई है। सुबह के नाश्ते में मेहमानों को चटपटे समोसे, पोहा, सेंडविच जैसे हल्के पकवान परोसे गए। इस नाश्ते में राजभोग भी था, जिसे खास शेफ के जरिए तैयार किया जा रहा है। मेहमानों को लेमन टार्ट भी परोसा। दोपहर के भोजन में शाकाहारी भोजन और गुजराती व्यंजनों की प्रमुखता थी। मेहमानों के लिए स्पेशल पनीर टिक्का की भी व्यवस्था की गई है।
रात 9 बजे राष्ट्रपति भवन में मेहमानों के लिए डिनर का वक्त होगा और देश विदेश से आए मेहमान 'शाही दाल' का आनन्द लेंगे। डिनर का आगाज स्पेशल लेमन कोरिएंडर सूप के साथ किया जाएगा। कहा जा रहा है कि पिछली बार सुरक्षा कारणों के चलते लोगों को शपथ ग्रहण के मुख्य हाल में पानी की बोतल ले जाने की अनुमति नहीं थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं है।
विदेशी मेहमान ज्यादा गरिष्ठ भोजन नहीं करते और इसी उद्देश्य से राष्ट्रपति भवन के मुख्य शेफ की निगरानी में ऐसे पकवान बनाए जा रहे हैं जो लोगों को स्वादिष्ट लगें और पेट को भारी भी न पड़ें।
कहा जा रहा है कि 2014 में भी नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण के दौरान काफी वैरायटी वाले और देश के प्रमुख व्यंजनों की फेरहिस्त थी। उस समय स्टार्टर के तौर पर चिल मेलन सूप, चिकन हजारी डिश, मटन मलाईदार, गिलौटी कबाब, तंदूरी आलू जैसे व्यंजन परोसे गए थे जबकि डिनर में शाकाहारी औऱ मांसाहारी दोनों तरह के व्यंजन शामिल थे।
डिनर में प्रॉन टू (केरल), चिकन चेट्टीनाद (तमिलनाडु), बीरबली कोफ्ता करी (राजस्थान), जयपुरी भिंडी (राजस्थान), केला मेथी नो शाक (गुजरात), दाल मक्खनी (पंजाबी), पतल दोरमा (बंगाल), चावल, नान और रोटी शामिल थी।
खान के बाद मीठे का भी खास इंतजाम था। स्वीट्स में मैंगो स्वीकन, पाइनएपल हलवा, संदेश, श्रीखंड, कटे हुए फल, ग्रीन टी, साउथ इंडियन कॉफी की व्यवस्था थी जबकि अंत में विदेशी और देशी मेहमानों ने मीठे पान का स्वाद लिया था। (एजेंसी)