देश में नमक-चीनी के हर ब्रांड में है माइक्रोप्लास्टिक्स, ये स्टडी आंखें खोल देगी
Micro plastics found in Indian sugar and salt: नमक और चीनी वैसी ही हेल्थ के लिए ठीक नहीं होते हैं। ऐसे में अगर यह खबर मिले कि इनमें और ज्यादा हानिकारक तत्व मिले हैं तो आप क्या करेंगे।
जी, हां एक ऐसी ही स्टडी सामने आई है। इसमें जो खुलासा हुआ है वो आपको चौंका देगा। दरअसल, भारतीय नमक और चीनी ब्रांड्स को लेकर इस रिसर्च में बडा खुलासा किया गया है। शोध में 10 प्रकार के नमक और 5 प्रकार की चीनी का परीक्षण करने का दावा किया गया है।
नमक-चीनी में माइक्रोप्लास्टिक मिला : भारतीय नमक और चीनी के ब्रांड्स में माइक्रोप्लास्टिक होने का दावा किया गया है। पर्यावरण अनुसंधान संगठन टॉक्सिक्स लिंक की ओर से इस बाबत शोध रिपोर्ट पेश की गई है। इस रिपोर्ट में 10 प्रकार के नमक और 5 प्रकार की चीनी का परीक्षण करने का दावा किया गया है। शोध के अनुसार सभी भारतीय नमक और चीनी ब्रांड्स के पैक्ड, अनपैक्ड ब्रांड्स में माइक्रोप्लास्टिक है। सेंधा नमक, समुद्री नमक, टेबल नमक और कच्चे नमक के नमूनों पर शोध किया गया। वहीं, बाजारों से खरीदी गई चीनी को भी स्टडी में शामिल किया गया था। शोध में सभी नमूनों में माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी फाइबर, छर्रों, टुकड़ों के तौर पर मिली।
माइक्रोप्लास्टिक का आकार 0.1 से लेकर 5 MM तक दर्ज किया गया। आयोडीन युक्त नमक में भी माइक्रोप्लास्टिक का लेवल अधिक मिला। इसमें माइक्रोप्लास्टिक पतले फाइबर के तौर पर मौजूद पाया गया। टॉक्सिक्स लिंक के संस्थापक और निदेशक रवि अग्रवाल के अनुसार शोध का उद्देश्य माइक्रोप्लास्टिक के डेटाबेस को जुटाना था। ताकि अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक संधि के तहत इस मुद्दे पर सभी संस्थाओं का ध्यान केंद्रित किया जा सके।
उनका उद्देश्य माइक्रोप्लास्टिक के जोखिमों को कम करना है। ताकि शोधकर्ता इस रिपोर्ट के आधार पर वे प्रयास कर सकें, जिससे जोखिम कम हो सकें। टॉक्सिक्स लिंक के एसोसिएट डायरेक्टर सतीश सिन्हा के अनुसार नमक और चीनी में इतनी मात्रा में प्लास्टिक का मिलना स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक हो सकता है।
Edited by Navin Rangiyal