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Last Updated :नई दिल्ली , शनिवार, 28 दिसंबर 2024 (17:08 IST)

मनमोहन सिंह पंचतत्व में हुए विलीन, राजकीय सम्‍मान के साथ विदाई, बेटी ने दी मुखाग्नि

Dr. Manmohan Singh
Dr. Manmohan Singh News : देश में आर्थिक पुनर्जागरण के सूत्रधार, विकास के नए द्वार खोलने वाले सुधारों के जनक और राजनीति में सादगी तथा सौम्यता के प्रतीक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका यहां निगम बोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। सिंह की 3 बेटियों में से सबसे बड़ी बेटी उपिंदर सिंह ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। देश तथा दुनिया के कई गणमान्य लोगों, राजनीतिज्ञों और आम लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे सिंह वर्ष 2004 से 2014 तक 10 वर्ष देश के प्रधानमंत्री रहे और उससे पहले उन्होंने वित्तमंत्री के रूप में देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत करने में मदद की। 
 
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और कई अन्य हस्तियों ने सिंह को निगमबोध घाट पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और मॉरीशस के विदेश मंत्री धनंजय रामफुल ने भी निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित किए। सिंह की अंत्‍येष्टि के समय उनकी पत्नी गुरशरण कौर, तीनों पुत्रियां और कई रिश्तेदार मौजूद थे। पूर्व प्रधानमंत्री का सिख धर्म के अनुष्ठानों और उद्घोष के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
 
इससे पहले, कांग्रेस मुख्यालय से निगमबोध घाट तक उनकी अंतिम यात्रा निकली। इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता जब तक सूरज चांद रहेगा, मनमोहन आपका नाम रहेगा और मनमोहन सिंह अमर रहें जैसे नारे लगाते रहे। सिंह का पार्थिव शरीर जिस वाहन में रखा गया, उसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सिंह के परिवार के कुछ सदस्य और कांग्रेस के कुछ नेता भी बैठे थे।
 
अंतिम यात्रा से पहले सिंह का पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय ‘24 अकबर रोड’ में रखा गया था जहां सोनिया गांधी, खरगे, राहुल गांधी और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। भारत में आर्थिक सुधारों के जनक कहे जाने वाले पूर्व वित्तमंत्री और दो बार प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया था। वह 92 साल के थे।
सिंह के निधन के बाद से देश और दुनिया की हस्तियों द्वारा शोक जताने तथा उनके योगदान को याद करने का सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें एक सच्चा राजनेता बताया और भारत एवं अमेरिका के बीच द्विपक्षीय सहयोग के अभूतपूर्व स्तर का श्रेय उनकी रणनीतिक समझ और राजनीतिक साहस को दिया।
अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस ने कहा कि मनमोहन सिंह एक महान नेता थे जिन्होंने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक असैन्य परमाणु समझौते के माध्यम से अमेरिका-भारत संबंधों को मौलिक रूप से नए स्तर पर लाने में मदद की। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को मनमोहन सिंह को एक उत्कृष्ट राजनेता बताया था और भारत-रूस संबंधों को ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक’ साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने में उनके योगदान को याद किया था।
 
मॉरीशस ने घोषणा की है कि सिंह के सम्मान में शनिवार को सूर्यास्त तक सभी सरकारी कार्यालयों और संस्थानों में उसका राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। सिंह के निधन के शोक के बीच उनकी अंत्‍येष्टि और स्मारक स्थल को लेकर उस वक्त एक विवाद भी खड़ा हुआ जब सरकार ने उनका अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किए जाने का फैसला किया और कांग्रेस ने आरोप लगाया कि देश के पहले सिख प्रधानमंत्री का जानबूझकर का अपमान किया गया है।
कांग्रेस की मांग थी कि उनका अंतिम संस्कार उसी स्थान पर होना चाहिए जहां उनका स्मारक बन सके। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात कहा कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी। सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके आवास ‘3 मोतीलाल नेहरू मार्ग’ पर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, जहां दलगत भावना से ऊपर उठकर नेताओं ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी थी।
 
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कई प्रमुख नेताओं तथा अन्य हस्तियों ने मनमोहन सिंह को उनके आवास पर शुक्रवार को श्रद्धांजलि दी थी।
 
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व प्रधानमंत्री सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित किया था और कहा था कि उन्होंने राष्ट्रीय जीवन पर अपनी छाप छोड़ी है और उनके निधन से राष्ट्र ने एक प्रख्यात राजनेता और जानेमाने अर्थशास्त्री को खो दिया है।
कांग्रेस कार्य समिति ने भी शुक्रवार शाम बैठक कर सिंह के निधन पर शोक जताया था और उनके योगदान को याद किया। कार्य समिति ने कहा था कि भारत ने एक ऐसा सच्चा राजनेता खोया है जिनके जीवन तथा कार्यों ने देश के भविष्य को दिशा दिखाई।
 
कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे सिंह वर्ष 2004 से 2014 तक 10 वर्ष देश के प्रधानमंत्री रहे और उससे पहले उन्होंने वित्तमंत्री के रूप में देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत करने में मदद की। वह वित्तीय और आर्थिक क्षेत्रों में वैश्विक स्तर की एक प्रसिद्ध हस्ती थे। उनके नेतृत्व वाली सरकार ने सूचना का अधिकार (आरटीआई), शिक्षा का अधिकार (आरटीई) और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) जैसी युग परिवर्तनकारी योजनाओं की शुरुआत की।
 
हमेशा नीली पगड़ी पहनने वाले सिंह को 1991 में नरसिंह राव सरकार में भारत का वित्तमंत्री नियुक्त किया गया था। आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति शुरू करने में उनकी भूमिका को दुनियाभर में मान्यता प्राप्त है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
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