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  4. Mamata Banerjee gave this statement regarding the Sanatan Dharma controversy
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Last Modified: कोलकाता , सोमवार, 4 सितम्बर 2023 (23:33 IST)

सनातन धर्म विवाद को लेकर ममता बनर्जी ने दिया यह बयान...

Mamta Banerjee
Sanatan Dharma Controversy : द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता उदयनिधि स्टालिन के 'सनातन धर्म' के खिलाफ बयान को लेकर बढ़ते विवाद के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि किसी को भी ऐसे मामले में शामिल नहीं होना चाहिए, जिससे लोगों को ठेस पहुंच सकती हो। बनर्जी ने कहा कि हर धर्म से अलग-अलग भावनाएं जुड़ी होती हैं और भारत अनेकता में एकता का देश है।
 
उन्होंने कहा, मैं तमिलनाडु और दक्षिण भारत के लोगों का बहुत सम्मान करती हूं, लेकिन मेरा विनम्र अनुरोध है कि सभी का सम्मान करें, क्योंकि हर धर्म की अलग-अलग भावनाएं होती हैं। भारत एक धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक देश है। भारत अनेकता में एकता का देश है।
 
बनर्जी ने स्टालिन की टिप्पणी के बारे में कहा, उन्हें उतना अनुभव नहीं है और उन्हें इस बारे में संभवत: पता नहीं होगा। उन्होंने कहा, मुझे यह नहीं पता कि उन्होंने ये टिप्पणियां क्यों और किस आधार पर कीं। मुझे लगता है कि हर धर्म का समान रूप से सम्मान किया जाना चाहिए। मैं सनातन धर्म का सम्मान करती हूं।
 
बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार पुजारियों को पेंशन देती है। उन्होंने कहा, हमारे देश में कई मंदिर हैं। हम मंदिरों, मस्जिदों और गिरजाघरों में जाते हैं। हमें ऐसे किसी भी मामले में शामिल नहीं होना चाहिए जिससे किसी वर्ग के लोगों को ठेस पहुंचे।
 
तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार को यह टिप्पणी कर विवाद पैदा कर दिया कि ‘सनातन धर्म’ समानता एवं सामाजिक न्याय के विरुद्ध है और इसका उन्मूलन करने की जरूरत है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने ‘सनातन धर्म’ की तुलना कोरोनावायरस, मलेरिया और डेंगू से करते हुए कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि इनका विनाश कर देना चाहिए।
 
देश का दृष्टिकोण निर्धारित करेगा विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सोमवार को कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ 2047 के लिए देश का दृष्टिकोण (विजन) निर्धारित करेगा और अगले साल के आम चुनाव में सत्ता में आने पर इस दिशा में काम करेगा। टीएमसी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की एक अहम सदस्य है।
 
इस टिप्पणी पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी को ‘दिवास्वप्न’ देखना बंद करने की सलाह दी। अगले दो दशकों के लिए देश के लिए अपने दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता का 2047 तक राष्ट्रीय जीवन में कोई स्थान नहीं होगा और गरीब व्यापक रूप से गरीबी के खिलाफ लड़ाई जीतेंगे।
 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, लोकतंत्र हमारे पास है, जनसांख्यिकी और विविधता हमारे साथ है, और अब इसमें चौथा ‘डी’ जुड़ रहा है- जो विकास (डेवलपमेंट) है। तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान ‘अच्छे दिन’ की बात की थी, लेकिन भाजपा नीत राजग सरकार ने देश को सांप्रदायिक तनाव, गिरती अर्थव्यवस्था, नफरत की संस्कृति और देश के संघीय ढांचे के विनाश की ओर धकेल दिया।
 
टीएमसी सांसद और प्रवक्ता शांतनु सेन ने कहा, नौ साल बाद अगर भाजपा 2047 के अपने दृष्टिकोण (विजन) की बात कर रही है तो आपको समझना होगा कि वह अपनी नाकामियों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। केंद्र में भाजपा सरकार के दिन अब गिनती के रह गए हैं। हमने देखा है कि कैसे भाजपा ने नोटबंदी जैसी नीतियों के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को और अपनी सांप्रदायिक राजनीति के माध्यम से देश के सामाजिक ताने-बाने को नष्ट कर दिया है।
 
टीएमसी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के राज्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ उन दलों का गठबंधन है जो भाजपा विरोधी संगठनों के अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं। भट्टाचार्य ने जोर देकर कहा कि 2024 में प्रधानमंत्री पद के लिए कोई रिक्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि टीएमसी को अगले लोकसभा चुनाव में सत्ता में आने का दिवास्वप्न देखना बंद कर देना चाहिए।
Edited By : Chetan Gour (एजेंसियां)
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