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Last Updated : मंगलवार, 14 अगस्त 2018 (00:12 IST)

अगले साल देश में लोकसभा के साथ-साथ हो सकते हैं 11 राज्यों में विधानसभा चुनाव

अगले साल देश में लोकसभा के साथ-साथ हो सकते हैं 11 राज्यों में विधानसभा चुनाव - Lok Sabha assembly elections
नई दिल्ली। केंद्र सरकार अगले वर्ष होने वाले चुनाव को लेकर एक नया मंसूबा बना रही है। आप लोगों ने कार और बाइक पुलिंग करना तो सुना ही होगा। लेकिन क्या आपने कभी चुनाव पुलिंग करना सुना है, जहां सरकार अगले वर्ष होने वाले लोकसभा और 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव को एकसाथ करने का मन बना रही है। सूत्रों की मानें तो 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ राजस्‍थान, मध्‍यप्रदेश, महाराष्‍ट्र, मिजोरम, छत्‍तीसगढ़ और हरियाणा जैसे राज्‍यों के चुनाव कराए जा सकते हैं।
 
 
इसके लिए सभी पार्टियों की बैठक बुलाई जा सकती है। इस तरह से चुनाव कराने के लिए संविधान में किसी भी प्रकार का संशोधन कराने की कोई आवश्यकता नहीं है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा की सरकार बनाने के बाद से ही एक देश-एक चुनाव की बात पर जोर दे रहे हैं।
 
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, वहीं ओडिशा, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, मिजोरम में विधानसभा चुनाव 2019 के आम चुनावों के साथ होने वाले हैं। ऐसे में अनुमान लगा सकते हैं कि सरकार इन सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव लोकसभा के साथ ही करा ले। सरकार जल्द ही इस मामले पर सभी पार्टी के लोगों को बुलाकर मीटिंग करा सकती है।
 
एकसाथ चुनाव कराने के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुला सकती है सरकार : लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ कराने पर आम सहमति बनाने के लिए सरकार इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने पर विचार कर रही है। यह बैठक विधि आयोग द्वारा इस मामले में कानूनी ढांचे की सिफारिश के बाद आयोजित की जा सकती है।
 
सरकारी सूत्रों ने कहा कि एकसाथ चुनाव कराने के मुद्दे पर नेताओं के बीच चर्चा का दायरा बढ़ाने के लिए आगामी दिनों में सर्वदलीय बैठक बुलाई जा सकती है। लेकिन बैठक बुलाने को लेकर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। सूत्रों ने कहा कि सरकार विधि आयोग की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, जो दोनों चुनाव एकसाथ कराने के लिए कानूनी ढांचा पेश करेगी।
 
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट सरकार के पास आने के बाद उस पर चर्चा के विस्तृत बिंदु होंगे। चुनाव एकसाथ कराने की व्यावहारिकता की जांच कर रहे आयोग ने इससे पहले अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने से पहले राजनीतिक दलों से नजरिया पूछा था।
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