बाढ़ में विदेशी सहायता से केंद्र का इंकार, केरल सरकार नाखुश
नई दिल्ली। केरल में बाढ़ पीड़ितों के लिए विदेशों से भी सहायता की पेशकश हो रही है, लेकिन सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने विदेशी सहायता लेने से इंकार कर दिया है। केंद्र के इस फैसले पर केरल सरकार ने नाखुशी जताई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि केरल में राहत और बचाव अभियान की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और वह घरेलू स्तर पर ही इसका हल निकालेगी। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), कतर और मालदीव समेत कई देशों ने केरल में बाढ़ राहत के लिए सहायता पैकेज देने की घोषणा की है।
सूत्रों के मुताबिक सहायता लेने से इंकार के दौरान भारत ने केरल में बाढ़ प्रभावित लोगों की सहायता का प्रस्ताव देने के लिए विदेशी देशों की सराहना की है। बाढ़ प्रभावित केरल की सहायता के लिए संयुक्त राज्य अमीरात ने 700 करोड़, कतर ने 35 करोड़ और मालदीव ने 35 लाख रुपए दान देने की घोषणा की है।
केरल सरकार ने राज्य में बाढ़ राहत कार्यों के लिए विदेशी सरकारों से दान स्वीकार न करने के केंद्र के फैसले पर अपनी नाखुशी जाहिर की है। मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने कहा कि राज्य सरकार संयुक्त अरब अमीरात द्वारा घोषित राहत पैकेज को प्राप्त करने में आ रही बाधा को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संपर्क करेगी।
भारत में थाईलेंड के राजदूत चुटिंटर्न सैम गोंगस्कादी ने एक ट्वीट के जरिए सूचित किया है कि भारत सरकार केरल में बाढ़ राहत कार्यों के लिए विदेशी दान को स्वीकार नहीं करेगी। सूत्रों के अनुसार प्रवासी भारतीयों से तथा निजी चंदा स्वीकार करने में कोई पाबंदी नहीं है। (एजेंसियां)