झारखंड इफेक्ट : मोदी से दूरी बना रहे नीतीश क्या फिर पलटी मारेंगे?
झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों का सीधा असर अब दिल्ली और बिहार के विधानसभा चुनाव पर पड़ना तय माना जा रहा है। सियासत के जानकार कहते हैं कि झारखंड से सटे राज्य बिहार में अगले साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव पर मौजूदा चुनाव परिणाम सीधा असर डालेंगे। बिहार में सत्तारूढ़ दल जेडीयू का झारखंड विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए एक खतरे की घंटी है। राज्य में 40 सीटों पर चुनाव लड़ने वाले जेडीयू का एक सीट भी नहीं जीतना जबकि बिहार में उसकी विरोधी कांग्रेस और आरजेडी का अच्छा प्रदर्शन करना भी नीतीश के चिंता का सबब बन गया है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जो पिछले लंबे समय से भाजपा से नाखुश नजर आ रहे हैं, क्या झारखंड चुनाव के नतीजों के बाद एक बार फिर पलटी मारेंगे? यह सवाल अब सियासी गलियारों में पूछा जाने लगा है। 2015 का विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के साथ लड़ने वाले नीतीश क्या 2020 का विधानसभा चुनाव फिर महागठबंधन में लड़ेंगे? इसको लेकर भी कवायद अब तेज हो गई है।
नीतीश कुमार पिछले कई दिनों से भाजपा से दूरी बनाते हुए दिख रहे हैं। मोदी 2.0 सरकार के शपथ ग्रहण से दूरी बनाने वाले नीतीश कुमार अब तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी मंच साझा करने से भी कन्नी काटने लगे हैं। पिछले दिनों कानपुर में गंगा से जुड़े नमामि गंगे प्रोजेक्ट की समीक्षा करने के लिए नीतीश का नहीं आना इसी से जोड़कर देखा जा रहा है वहीं दूसरी नीतीश अब राज्य की खराब हालत के लिए केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराने लगे हैं। उन्होंने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में बिहार में खराब सड़कों के लिए परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को खूब खरीखोटी भी सुनाई।
संसद में नागरिकता संशोधन बिल पर मोदी सरकार का साथ देने पर जिस तरह नीतीश को अपने ही सबसे विश्वस्त सहयोगी प्रशांत किशोर के विरोध का सामना करना पड़ा उसके बाद अब ये कयास तेज हो गए हैं कि नीतीश क्या चुनाव से पहले फिर एक बार पलटी मारेंगे? NRC को लेकर विरोध का झंडा बुलंद कर चुके नीतीश और उनके सिपहसालार प्रशांत किशोर की अगली रणनीति क्या होगी? अब यह देखना दिलचस्प होगा।
नीतीश कुमार को विपक्ष का ऑफर - झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद बिहार कांग्रेस के बड़े नेता सदानंद सिंह ने नीतीश कुमार को महागठबंधन में आने का ऑफर भी दे दिया है। झारखंड में कांग्रेस की जीत का जश्न मानते हुए सदानंद सिंह ने कहा कि यह जीत मोदी युग के अंत की शुरुआत है और नीतीश कुमार समझदार नेता हैं। जो भी दल धर्मनिरपेक्ष हैं वो कांग्रेस के नेतृत्व में आगे बढ़ेंगे। वहीं आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी नीतीश कुमार फिर से महागठबंधन में शामिल करने की वकालत की है। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष की पूरी कोशिश होगी कि नीतीश कुमार उनके पाले में आ जाए जिससे कि वह एक और बड़े राज्य को भाजपा मुक्त कर सके।