पलक झपकते ही दुश्मनों के परखच्चे उड़ा देगी INS करंज पनडुब्बी, Indian Navy के जंगी बेड़े में हुई शामिल
भारतीय की सामरिक ताकत में इजाफा हुआ है। स्कॉर्पीन क्लास की सबमरीन आईएनएस करंज (INS Karanj) आज इंडियन नेवी (Indian Navy) के जंगी बेड़े में शामिल हो गई है। आईएनएस करंज (INS Karanj) घातक अदृष्य हथियार है। इस ढूंढ पाना दुश्मनों के नामुमकिन है। यह पलक झपकते ही दुश्मनों के परखच्चे उड़ा देगी। जानिए इस भारतीय नौसेना के सेनापति की ताकत के बारे में।
आईएनएस करंज एक बार में 12000 किमी तक का सफर तय कर सकती है। इसमें 8 अफसर और 35 नौसैनिक काम करते हैं। ये समुद्र के अंदर 350 मीटर तक गोता लगा सकती हैं।
कलवरी क्लास की सबमरीन समुद्र के अंदर 37 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं। INS करंज में दुश्मन के जहाज़ को तबाह करने के लिए टॉरपीडो लगे हैं।
ये समुद्र में बारूदी सुरंगें भी बिछा सकती हैं। INS करंज में सतह और पानी के अंदर से टॉरपीडो और ट्यूब लॉन्च्ड एंटी-शिप मिसाइल दागने की क्षमता है। INS करंज लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाकर दुश्मनों को तबाह करने में सक्षम है।
इस पनडुब्बी में एंटी-सरफेस वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर, खुफिया जानकारी जुटाने, माइन्स बिछाने और एरिया सर्विलांस जैसे सैन्य अभियानों को अंजाम देने की क्षमता है। स्कॉर्पीन कैटेगरी की पनडुब्बी INS करंज में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इससे दुश्मन देशों की नौसेनाओं के लिए इसका पता लगाना मुश्किल होगा।
सबमरीन आईएनएस करंज (INS Karanj) को 2018 में समुद्र में टेस्ट के लिए उतारा गया था। करंज हर टेस्ट में टॉप पर रही है। कलवरी क्लास की पहली दो सबमरीन कलवरी और खंडेरी पहले ही नौसेना में शामिल हो चुकी हैं। कलवरी क्लास की कुल 6 सबमरीन मुंबई के मझगांव डॉक लिमिटेड में बनाई जा रही हैं।