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Last Updated : गुरुवार, 27 अप्रैल 2023 (18:05 IST)

सूडान में फंसे भारतीय लौट रहे वतन, हालात पर नजर बनाए हुए है भारत

सूडान में फंसे भारतीय लौट रहे वतन, हालात पर नजर बनाए हुए है भारत - Indians stranded in Sudan are returning home, India is monitoring the situation
  • भारत का प्रयास नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना 
  • ऑपरेशन कावेरी के तहत वतन लौट रहे भारतीय
  • सुरक्षा संबंधी जमीनी हालात बेहद अस्थिर
नई दिल्ली। Sudan Crisis : विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार को बताया कि सूडान में सुरक्षा संबंधी जमीनी हालात बेहद अस्थिर और परिवर्तनशील बने हुए हैं और भारत का प्रयास वहां रह रहे अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। विदेश सचिव ने कहा कि हिंसाग्रस्त सूडान (violence torn sudan) से नागरिकों को निकालने के भारत के अभियान ऑपरेशन कावेरी के तहत करीब 670 भारतीय स्वदेश पहुंच गए या रास्ते में हैं।

उन्होंने बताया कि 360 भारतीय नागरिक बुधवार की रात को सऊदी अरेबिया की उड़ान से भारत आए जबकि भारतीय वायुसेना के सी17 विमान से 246 नागरिक महाराष्ट्र पहुंच रहे हैं। क्वात्रा ने बताया कि सूडान में सुरक्षा संबंधी जमीनी हालात बेहद अस्थिर बने हुए हैं।

हम सूडान की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी पक्षों के साथ संपर्क बनाए हुए हैं। हमारा अनुमान है कि करीब 3500 भारतीय नागरिक और करीब 1000 भारतीय मूल के लोग (पीओआई) वहां रह रहे हैं।

क्वात्रा ने कहा कि जहां पर लड़ाई चल रही है, वहां स्थिति बहुत अस्थिर एवं परिवर्तनशील है। इसलिए यह कहना कठिन है कि सूडान में संघर्षरत दोनों पक्षों में से किसका दबदबा कौनसे क्षेत्र में है। हालांकि हम अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी के साथ संपर्क बनाए हुए हैं। विदेश सचिव ने बताया कि करीब 1700 से 2000 नागरिक संघर्ष वाले क्षेत्र से बाहर आ गए हैं।

क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के अनुसार हमारा पूरा प्रयास है कि जितने नागरिक संघर्ष वाले क्षेत्र में फंसे हुए हैं, उन्हें अति शीघ्र, सुरक्षित बाहर निकाला जाए और फिर उन्हें भारत लाने की व्यवस्था की जाए।

उन्होंने बताया कि सूडान से भारतीयों को लाने में सऊदी अरब की सरकार से शानदार समर्थन मिल रहा है, जिसमें विभिन्न प्रकार की व्यवस्था करने के साथ पारगमन संबंधी प्रक्रियाओं को पूरा करना भी शामिल है। विदेश सचिव ने बताया कि 25 अप्रैल को आईएनएस सुमेधा से 278 नागरिकों को सूडान से निकालकर जेद्दा लाया गया। इसी दिन सी130जे विमान की दो उड़ान से क्रमश: 121 और 135 नागरिकों को निकाला गया।

क्वात्रा ने बताया कि 26 अप्रैल को नौसेना के जहाज आईएनएस तेग से 297 नागरिकों को तथा सी130जे विमान से 264 नागरिकों को निकाला गया। अभी 320 भारतीय पोर्ट सूडान पर मौजूद हैं और उन्हें सऊदी अरब के शहर जेद्दा लाया जाएगा। ऑपरेशन कावेरी में शामिल होने के लिए नौसेना का एक और जहाज आईएनएस तरकश पोर्ट सूडान पहुंच रहा है।सूडान से लौटे केरलवासियों ने स्वदेश वापसी को बताया चमत्कार : हिंसाग्रस्त सूडान से निकाले जाने के बाद केरल लौटे राज्य के लोगों का कहना है कि वापस आने पर उन्हें राहत मिली है और उनका बचना एक चमत्कार की तरह है। वे नई दिल्ली से सुबह यहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंचे।

बिजी अलाप्पट ने कहा, ईश्वर के आशीर्वाद के कारण हम स्वदेश वापस आ गए। संघर्ष विराम के बावजूद सूडान के कई हिस्सों में अब भी लड़ाई जारी है। यहां के कक्कानाड के रहने वाले बिजी केरलवासियों के पहले समूह में शामिल थे, जो बुधवार को विदेश मंत्रालय द्वारा सुरक्षित निकाले जाने के बाद सूडान से आज सुबह अपने गृह राज्य पहुंचे।

हवाई अड्डे के बाहर मीडिया से बात करते हुए अलाप्पट ने कहा कि सूडान में जीवन पिछले कई सालों से शांतिपूर्ण रहा है और उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि सेना के दो गुटों के बीच लड़ाई होगी। उन्होंने कहा कि सूडान में कम से कम छह से सात हजार भारतीय रहते थे।

सूडान की एक तेल कंपनी में काम करने वाले अलाप्पट ने कहा, बड़ी संख्या में भारतीय पहले ही खारतूम से बस के जरिए अन्य स्थानों पर जा चुके हैं। मुझे लगता है, अगर हम प्रतिदिन 500-600 लोगों को निकाल सकते हैं, तो हम 10 दिनों में मिशन पूरा कर सकते हैं।

हिंसा प्रभावित सूडान में स्थिति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि ईंधन की आपूर्ति में कमी और लूटपाट की घटनाओं में वृद्धि हुई है। अलाप्पट के अलावा उनकी पत्नी और तीन बच्चे भी सुबह यहां पहुंचे। उनकी पत्नी शेरोन ने कहा कि वह सुरक्षित घर पहुंचकर और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर बहुत राहत महसूस कर रही हैं।

कोट्टारक्करा के एक दंपति थॉमस वर्गीज और शीलम्मा थॉमस आज सुबह राज्य पहुंचे। उन्होंने कहा कि गृह राज्य में उनकी वापसी एक चमत्कार की तरह है। थॉमस ने तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे के बाहर से कहा, हमने कभी नहीं सोचा था कि हम वापस आ सकते हैं। हम वहां 18 साल से रह रहे थे और पहले कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया था। हिंसा शुरू होने के बाद वहां जीवन बहुत दयनीय था।

उनके परिवार ने केंद्र और राज्य सरकार को निकासी मिशन के लिए धन्यवाद दिया। इस महीने की शुरुआत में सूडान के खारतूम में गोलीबारी में मारे गए राज्य के एक सेवानिवृत्त सैनिक अल्बर्ट ऑगस्टाइन की पत्नी और बेटी भी आज सुबह राज्य पहुंचीं। फोटो सौजन्‍य : टि्वटर
Edited By : Chetan Gour (एजेंसियां)