Decrease water level of Ganga in Varanasi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा नदी का जल स्तर भीषण गर्मी के चलते अब तक सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। गंगा नदी का पाट (चौड़ाई) 30 से 35 मीटर रह गई है। हालांकि यह स्थिति सिर्फ गंगा की नहीं है, अन्य नदियों और जलाशयों का भी यही हाल है।
दरअसल, डीडी न्यूज ने एक वीडियो साझा किया है, जो गंगा की असली हकीकत बयां कर रहा है। इसके मुताबिक जून में गंगा की चौड़ाई 70 से 80 मीटर के आसपास होती थी, जो अब सिमट कर 30 से 35 मीटर रह गई है। जल स्तर कम होने की वजह से नदी ने घाटों को छोड़ दया है। टूटी नावें, बिखरा हुआ कचरा और टूटे हुए पत्थर मां गंगा के दर्द को बयां कर रहे हैं।
इस पर एक्स यूजर राजन सत्यार्थ प्रकाश ने लिखा- इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब प्रधानमंत्री का क्षेत्र इतना उपेक्षित है तो अन्यत्र क्या हाल होगा? वहीं, दीपक गर्ग ने लिखा- सफाई करने का सही समय है, लेकिन कोई करेगा नहीं।
क्या कहती है जल आयोग की रिपोर्ट : इससे पहले केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने देश भर के 150 प्रमुख जलाशयों के ताजा भंडारण स्तर की स्थिति पर अपना साप्ताहिक बुलेटिन जारी किया था, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में जल स्तर में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि दक्षिणी क्षेत्र, जिसमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु शामिल हैं, सबसे अधिक प्रभावित हैं। हालांकि यह रिपोर्ट मई माह की है, अत: स्थिति और भी खराब हो सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरी राज्यों हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में 10 जलाशयों की निगरानी जारी है, जिनकी कुल भंडारण क्षमता 19.663 बीसीएम है। लेकिन, वर्तमान में इन जलाशयों में केवल 5.554 बीसीएम भंडाकरण (कुल क्षमता का 28 प्रतिशत) है। इसके विपरीत पूर्वी क्षेत्र, जिसमें असम, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नगालैंड और बिहार शामिल हैं, थोड़ा सुधार दर्शाता है।
मराठवाड़ा में भी घटा भूजल स्तर : महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के 76 तहसीलों में से 51 तहसील में भूजल स्तर तीन मीटर से नीचे चला गया। एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि नांदेड़ जिले में स्थिति कुछ बेहतर है, जहां पिछले साल अन्य 7 जिलों की तुलना में अच्छी बारिश हुई थी। महाराष्ट्र में बांधों का मौजूदा जल भंडार घटकर 23.63 प्रतिशत रह गया और जलसंकट से जूझ रहे राज्य के 25 जिलों के 2,973 गांवों व 7,671 बस्तियों में 3,692 टैंकरों के जरिए पानी पहुंचाया जा रहा है। (एजेंसी/वेबदुनिया/फोटो: डीडीन्यूज)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala