राहुल गांधी के सवाल पर विदेश मंत्री का जवाब, 15 जून को गलवान में हथियार लेकर गए थे जवान
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राहुल गांधी के सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि जवान सीमा पर हमेशा हथियार लेकर जाते हैं। 15 जून को भी गलवान में जवान हथियार लेकर गए थे। विदेश मंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा कि पुराने समझौतों के मुताबिक हथियार इस्तेमाल की मनाही है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि ‘हमारे सैनिकों को शहीद होने के लिए निहत्थे क्यों भेजा गया।’
उन्होंने एक पूर्व सैन्य अधिकारी के साक्षात्कार का उल्लेख करते हुए ट्वीट किया था कि चीन की हिम्मत कैसे हुई उसने हमारे निहत्थे सैनिकों की हत्या की? हमारे सैनिकों को शहीद होने के लिए निहत्थे क्यों भेजा गया? राहुल गांधी ने वीडियो ट्वीट करते हुए यह सवाल पूछा था।
पहले किताबें पढ़ें : राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा था आप अगर पढ़े लिखे नहीं हैं, जानकारी नहीं है तो जानकारी लीजिए। घर में बैठकर लॉकडाउन में कुछ किताबें पढ़नी चाहिए थी। भारत और चीन के बीच क्या-क्या एग्रीमेंट हुए हैं, अगर ये बेसिक जानकारी राहुल गांधीजी आपके पास नहीं है तो मुझे माफ कीजिएगा, आप देश में अब तक के सबसे ज्यादा गैर-जिम्मेदाराना राजनेता हैं। आपको ये सब जानकारी लेनी चाहिए।
पात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री कोई एक व्यक्ति नहीं होता। प्रधानमंत्री किसी पार्टी का प्रधानमंत्री नहीं होता। प्रधानमंत्री हम सब का एक प्रधानमंत्री होता है। नरेंद्र मोदी बीजेपी के प्रधानमंत्री नहीं हैं। वे हम सबके प्रधानमंत्री हैं। वे सोनिया गांधी के प्रधानमंत्री हैं, राहुल गांधी के प्रधानमंत्री हैं और आपके भी प्रधानमंत्री हैं।
लोकतांत्रिक तरीके से हम सबके प्रतिनिधि हैं। ऐसे में जब डरा हुआ या छिपा हुआ प्रधानमंत्री कहा जाता है, तो यह आक्रमण किसी एक व्यक्ति पर नहीं बल्कि पूरे हिन्दुस्तान पर है। 20 जवानों की शहादत को डरा हुआ बताना, छिपा हुआ बताना, देश के लिए गैरजिम्मेदाराना है।