एग्जिट पोल का प्रकाशन चुनाव संबंधी नियमों का उल्लंघन : चुनाव आयोग
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने एक संगठन द्वारा किए गए एग्जिट पोल (मतदान बाद सर्वेक्षण) का प्रकाशन एक दैनिक समाचार पत्र में होने संबंधी खबर का संज्ञान लेते हुए सोमवार को कहा की विधानसभा चुनावों कि प्रक्रिया जारी रहने के मद्देनजर यह चुनाव संबंधी नियमों का उल्लंघन है।
आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि रिसोर्स डेवलपमेंट इंटरनेशनल के मतदान बाद किए गए सर्वेक्षण के नतीजे का एक हिन्दी दैनिक द्वारा प्रकाशन करना 'जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा अनुच्छेद 126 ए और बी का स्पष्ट उल्लंघन है और भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत चुनाव आयोग के कानून संबंधी निर्देशों का जान-बूझकर पालन नहीं करना है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर उत्तरप्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई है।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में प्राप्त शक्तियों के तहत चुनाव पैनल ने मतदान बाद किए जाने वाले ऐसे सर्वेक्षणों के प्रकाशन और प्रसारण पर पाबंदी लगा रखी है, ताकि इसके परिणाम मतदाताओं को प्रभावित न कर सकें।
अब तक गोवा और पंजाब में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं जबकि उत्तरप्रदेश में पहले चरण के ही चुनाव हुए हैं। मतदान प्रक्रिया पूरी तरह संपन्न होने तक इस तरह के सर्वेक्षणों के नतीजों के प्रसारण एवं प्रकाशन पर पाबंदी है। उत्तरप्रदेश में 6 और चरणों में चुनाव होने हैं। इसके अलावा उत्तराखंड और मणिपुर में भी विधानसभा चुनाव होने हैं।
आयोग के निर्देशों के मुताबिक 4 फरवरी 2017 से 8 मार्च 2017 को शाम 5.30 बजे तक एग्जिट पोल के नतीजों का प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या किसी भी रूप में प्रचार प्रसार भी नहीं किया जा सकता। (भाषा)