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Last Modified: गुरुवार, 23 नवंबर 2017 (12:57 IST)

ईपीएफओ ने दिया बड़ा झटका, सबको नहीं मिलेगी बड़ी हुई पेंशन

ईपीएफओ ने दिया बड़ा झटका, सबको नहीं मिलेगी बड़ी हुई पेंशन - EPFO pension
ईपीएफओ ने पूरी सैलरी के आधार पर छूट प्राप्त संगठनों के कर्मचारियों को पेंशन देने से इनकार कर दिया है। उल्लेखनीय है कि जब 4 अक्टूबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में ऐसा करने के निर्देश दिए थे।
 
कर्मचारियों के भविष्य निधि से जुड़े सरकारी संगठन ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) के सदस्यों की गुरुवार को एक अहम बैठक होने वाली है। माना जा रहा है कि ईपीएफओ के इस रुख का बैठक में तीखा विरोध हो सकता है।
 
जिन कंपनियों में कर्मचारियों के भविष्य निधि से जुड़ा कामकाज प्राइवेट ट्रस्ट के हाथ के हाथ में होता है, उन्हें इग्ज़ेम्प्ट संगठन कहते हैं। वहीं, जिन कंपनियों में फंड की देखरेख ईपीएफओ के ट्रस्ट द्वारा किया जाता है, उन्हें अनइग्जेम्प्ट संगठन कहते हैं।
 
द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ईपीएफओ ने इस बात पर रजामंदी दी थी कि वह इम्प्लॉइज पेंशन स्कीम (ईपीएस) के तहत रजिस्टर्ड सदस्यों को बीते वक्त से लागू करके पूरे वेतन पर पेंशन देगा। 
 
उल्लेखनीय है कि ईपीएफ के तहत आने वाली पेंशन योजना के करीब 5 करोड़ सदस्य हैं। प्राइवेट सेक्टर के हर कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी में से 12 फीसदी सैलरी और महंगाई भत्ता (डीए) इसमें देना होता है। कंपनी भी कर्मचारी के बराबर ही योगदान करती है। कंपनी के योगदान का 8.33% हिस्सा ईपीएस को जाता है। नौकरी बदलने के दौरान या फिर बेरोजगारी के वक्त पर कर्मचारी अपना ईपीएफ निकालते हैं तब उन्हें ईपीएस का पैसा नहीं दिया जाता है। यह पैसा केवल सेवानिवृत्ति के बाद ही दिया जाता है।
 
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