मतपत्र के दौर में वापस नहीं लौटेगा चुनाव आयोग : सुनील अरोड़ा
नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर उठ रहे सवालों और मतपत्र से चुनाव कराने की विभिन्न दलों की मांग को सिरे से खारिज करते हुए गुरुवार को कहा कि चुनाव आयोग मतपत्र के दौर में वापस नहीं लौटेगा।
अरोड़ा ने आयोग द्वारा ‘चुनाव प्रक्रिया को समावेशी एवं सहज बनाने’ के विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम मतपत्र के दौर में वापस लौटने नहीं जा रहे हैं।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को तकनीकी गड़बड़ियों से बचाने के लिए किए गए उपायों का जिक्र करते हुए अरोड़ा ने कहा कि इस मशीन को सार्वजनिक क्षेत्र की उन दो कंपनियों ने बेहद पुख्ता तकनीकी सुरक्षा उपायों से लैस करते हुए बनाया है, जो हमारे देश के रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए बहुत उल्लेखनीय काम कर रही हैं।
उन्होंने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने वालों और मतपत्र की मांग करने वाले दलों का नाम लिए बिना कहा कि हम इसे (ईवीएम) फुटबॉल क्यों बना रहे हैं और इस पर छींटाकशी क्यों कर रहे हैं। अरोड़ा ने कहा कि सम्मेलन में मौजूद लोग इस आरोप-प्रत्यारोप के सही या गलत होने पर फैसला करेंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इसलिए एक बार फिर मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह सिर्फ मेरा ही नहीं बल्कि समूचे चुनाव आयोग का मत है कि हम मतपत्र के दौर में वापस लौटने नहीं जा रहे हैं।
अरोड़ा ने कहा कि उस दौर में वापस नहीं लौटा जा सकता है जबकि मतपत्र बाहुबलियों द्वारा लूटे लिए जाते थे, मतगणना में देर होती थी और मतदानकर्मियों का उत्पीड़न भी होता था, इसलिए मौजूदा व्यवस्था ही कायम रहेगी।