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Last Modified: गुरुवार, 14 जुलाई 2022 (19:47 IST)

दिल्ली NCR में 2026 के बाद नहीं चल पाएंगे डीजल ऑटो

दिल्ली NCR में 2026 के बाद नहीं चल पाएंगे डीजल ऑटो - Diesel autos will not be able to run in Delhi NCR after 2026
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए गठित वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा तैयार नई नीति के तहत चरणबद्ध तरीके से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 31 दिसंबर 2026 तक डीजल से चलने वाले ऑटो रिक्शा के परिचालन को बंद कर दिया जाएगा। एनसीआर में दिल्ली के अलावा, हरियाणा के 14, उत्तर प्रदेश के 8 और राजस्थान के 2 जिले आते हैं।
 
इस नीति को बुधवार को सार्वजनिक किया गया जिसमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में 31 दिसंबर 2024 तक डीजल ऑटो को परिचालन से बाहर करने की योजना का उल्लेख किया गया है। वहीं, एनसीआर के बाकी बचे जिलों में भी धीरे-धीरे 31 दिसंबर 2026 तक डीजल ऑटो रिक्शा का परिचालन बंद कर दिया जाएगा।
 
उल्लेखनीय है कि एनसीआर में दिल्ली के अलावा, हरियाणा के 14, उत्तर प्रदेश के 8 और राजस्थान के 2 जिले आते हैं। नीति के मुताबिक एक जनवरी 2023 से एनसीआर में केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा का ही पंजीकरण होगा।
 
दिल्ली ने वर्ष 1998 में डीजल ऑटो रिक्शा को सीएनजी में तब्दील करने का कार्यक्रम चलाया था और मौजूदा समय में डीजल से चलने वाला कोई भी ऑटो रिक्शा यहां पंजीकृत नहीं है। दिल्ली परिवहन विभाग ने पिछले साल अक्टूबर में 4,261 इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा पंजीकृत करने की योजना शुरू की थी।
 
सीएक्यूएम की नयी नीति में अगले 5 साल में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए क्षेत्रवार उपायों की जानकारी दी गई है। तत्काल प्रभाव से लागू हो चुकी नयी नीति के तहत दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में मौजूद सभी ताप बिजली संयंत्रों को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा तय समयसीमा के भीतर उत्सर्जन मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।
 
नीति के तहत एक जनवरी 2023 से दिल्ली-एनसीआर के पेट्रोल पंप वैध प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र नहीं होने पर वाहनों को ईंधन नहीं देंगे। इसी के साथ राज्यों को कबाड़ नीति लागू करने को कहा गया है ताकि तय अवधि पूरी कर चुके वाहनों का परिचालन नहीं हो सके।
 
नीति में कहा गया है कि दिल्ली और सभी एनसीआर राज्यों को एनसीआर में राजमार्ग पर सीएनजी और एलएनजी पंपों के नेटवर्क बनाने की योजना विकसित करनी होगी ताकि लंबी दूरी तय करने वाले ट्रकों और अन्य वाणिज्यिक वाहनों को गैस ईंधन पर स्थानांतरित किया जा सके। इसी प्रकार एक जनवरी 2023 को क्षेत्र के उद्योगों में कोयले के इस्तेमाल को प्रतिबंधित किया जाएगा।
 
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा पिछले साल दिसंबर में सीएक्यूएम को निर्देश दिया गया था कि वह दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या के स्थायी समाधान के लिए लोगों और विशेषज्ञों से सुझाव ले, जिसके बाद यह नई नीति सामने आई है। (भाषा)
 
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