रविवार, 29 सितम्बर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Death toll increased due to flood in Sikkim
Written By
Last Modified: गंगटोक/जलपाईगुड़ी , शुक्रवार, 6 अक्टूबर 2023 (20:14 IST)

Sikkim Flood : सिक्किम में मृतकों की संख्या बढ़कर 25 हुई, 143 लापता लोगों की तलाश जारी

Sikkim Flood : सिक्किम में मृतकों की संख्या बढ़कर 25 हुई, 143 लापता लोगों की तलाश जारी - Death toll increased due to flood in Sikkim
Sikkim Flood News : सिक्किम में बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के 3 दिन बाद, इसके जल प्रवाह वाले निचले इलाकों में मिले शवों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है, जबकि बड़ी संख्या में लोग अब भी लापता हैं। मृतकों में सेना के 7 जवान भी शामिल हैं। 143 लोग अब भी लापता हैं, वहीं करीब 2413 लोगों को बचा लिया गया है।
 
अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि 143 लोग अब भी लापता हैं, वहीं करीब 2,413 लोगों को बचा लिया गया है और वे राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने राज्य में अचानक आई बाढ़ में जान गंवाने वाले प्रत्‍येक व्यक्ति के परिजन को चार लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। उन्होंने राहत शिविरों में शरण लिए लोगों में प्रत्‍येक को 2000 रुपए की तत्काल राहत देने की भी घोषणा की।
 
उन्होंने बताया, हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। हम नुकसान के बारे में सटीक विवरण नहीं दे सकते, इसका पता तब होगा, जब एक समिति गठित की जाएगी और वह अपना विश्लेषण पूरा करेगी। हमारी पहली प्राथमिकता फंसे हुए लोगों को बचाना और उन्हें तत्काल राहत प्रदान करना है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा, जिलों के बीच सड़क संपर्क टूट गया है और पुल बह गए हैं। उत्तरी सिक्किम में संचार सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है। तमांग ने कहा कि बरदांग इलाके से लापता हुए सेना के 23 जवानों में से सात के शव निचले इलाकों के विभिन्न हिस्सों से बरामद किए गए हैं, जबकि एक को बचा लिया गया तथा शेष लापता जवानों की तलाश सिक्किम और उत्तर बंगाल में जारी है।
 
सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा कि अब तक 25 लोगों की मौत हो गई है और 143 लापता हैं। एसएसडीएमए ने कहा कि जहां पाकयोंग जिले में छह सैन्य कर्मियों सहित 15 लोगों की मौत हो गई, वहीं मंगन और गंगटोक जिलों में चार सैनिकों और छह नागरिकों की मौत हुई है। उसने कहा कि इस आपदा से करीब 25,100 लोग प्रभावित हुए हैं।
 
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तथा अन्य केंद्रीय नेताओं से बात की है। तमांग ने कहा, उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है कि राज्य को सभी आवश्यक सहायता मुहैया कराई जाएगी।
 
शाह ने सिक्किम में बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के केंद्रीय हिस्से से राज्य को 44.8 करोड़ रुपए की अग्रिम राशि जारी करने को मंजूरी दे दी है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि शाह के निर्देश के बाद गृह मंत्रालय ने एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (आईएमसीटी) का गठन किया, जो बादल फटने से बाढ़ आने और इसके कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए जल्द ही सिक्किम के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगा।
 
ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण भारी मात्रा में जल एकत्र हो गया और चुंगथांग बांध की ओर प्रवाहित हुआ। तेज जल प्रवाह ने बिजली संयंत्र के बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया और निचले इलाकों में बसे शहरों और गांवों में बाढ़ आ गई।
 
बाढ़ से राज्य में 13 पुल बह गए, जिसमें अकेले मंगन जिले के आठ पुल शामिल हैं। गंगटोक में तीन और नामची में दो पुल बह गए। बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही चुंगथांग शहर में मचाई है और उसका 80 फीसदी हिस्सा प्रभावित हुआ है। राज्य की जीवनरेखा माने जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)10 को कई स्थानों पर भारी नुकसान पहुंचा है। इस बीच, तीस्ता बैराज के समीप निचले इलाके में सेना के 15 लापता जवानों की तलाश जारी है।
 
बरदांग में घटनास्थल पर सेना के वाहनों को कीचड़ से बाहर निकाला गया। तलाश अभियान में श्वान दल और विशेष रडार का इस्तेमाल किया गया। सभी एजेंसियां नुकसान का आकलन करने और सड़क संपर्क बहाल करने की योजना बनाने के लिए सर्वेक्षण कर रही हैं। सिंगताम और बरदांग के बीच सड़क संपर्क बहाल कर दिया गया है।
 
तमांग ने ऐसे विस्थापित जो राज्य के बाहर से यहां काम कर रहे हैं और अगर वापस लौटना चाहते हैं उन्हें उत्तरी पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े शहर सिलीगुड़ी तक मुफ्त चिकित्सा उपचार और साजो-सामान संबंधी सहायता देने का भी आश्वासन दिया
 
पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील पर्वतीय क्षेत्र में जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण को लेकर विभिन्न हलकों से हो रही आलोचना पर उन्होंने तबाही के लिए पिछली सरकारों के त्रुटिपूर्ण और घटिया विकास मॉडल को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने प्राकृतिक आपदा पर राजनीति करने को लेकर विपक्ष की भी आलोचना की।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
ये भी पढ़ें
मुंबई की इमारत में भीषण आग, 8 लोगों की मौत, 5 गंभीर, 60 से अधिक जख्मी