नवरात्र के 9 दिन और नरेन्द्र मोदी से कांग्रेस के 9 सवाल
नई दिल्ली। कांग्रेस ने शारदीय नवरात्र से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए देश में नारी सुरक्षा की स्थिति को लेकर उन पर नौ सवाल दागे और कहा कि प्रतिदिन देवी की पूजा से पहले उन्हें एक सवाल का जवाब देना चाहिए।
गौरतलब है कि मोदी नवरात्र के पूरे नौ व्रत रखते हैं और प्रतिदिन देवी की पूजा करने के बाद जल ग्रहण करते हैं। इस दौरान वह अन्न नहीं खाते हैं। शारदीय नवरात्र बुधवार से आरंभ हो रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में नियमित ब्रीफिंग में कहा कि देश में नवरात्र शुरू हो रहे हैं, लेकिन महिलाओं के खिलाफ हिंसा चरम पर हैं। उन्होंने कहा, 'देवी के त्योहार' के अवसर पर 'बेटियों पर अनाचार' भाजपा का 'एकमात्र व्यवहार' बन गया है। उन्होंने तंज करते हुए सवाल किया कि क्या इस नवरात्रि में मोदी जी करेंगे अपनी गलतियों का एहसास, या फिर देंगे जुमलों की खटास।
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा लगातार जारी है और भाजपा की मानसिकता सामने आ रही है। उन्होंने बिहार में सुपौल के एक छात्रावास में लड़कियों के साथ मारपीट की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि महिला सुरक्षा पर भाजपा की नीति विफल हो गई है।
सुश्री चतुर्वेदी ने कहा कि मोदी नवरात्र में नौ दिन व्रत रखते हैं, इसलिए कांग्रेस महिला सुरक्षा पर उनसे नौ सवालों के जवाब मांगती हैं। उन्होंने कहा कि क्या यह सच नहीं है कि 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान का बड़ा प्रचार किया गया है, जबकि प्रत्येक लड़की को मात्र पांच पैसे का बजटीय आवंटन किया जाता है।
क्या यह सच नहीं है कि पिछले साल 3600 करोड़ रुपए के निर्भया फंड में से मात्र 825 करोड़ रुपए ही व्यय हो पाए हैं। मोदी सरकार ने दुष्कर्म पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए प्रत्येक जिले में एक वन स्टॉप सेंटर की स्थापना का वादा किया था, लेकिन बाद में इसे देश भर में 36 पर समेट दिया गया।
पिछले साढ़े चार साल के दौरान एक भी सेंटर उचित ढंग से स्थापित नहीं किया सका। भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध शीर्ष पर क्यों हैं? भाजपा सांसदों और विधायकों के खिलाफ महिला विरुद्ध अपराधों की संख्या सबसे ज्यादा क्यों हैं? महिलाओं की सुरक्षा में लापरवाही क्यों हो रही है।
कांग्रेस नेता ने सवालों की सूची जारी करते हुए कहा कि ईंधन और खाद्य वस्तुओं की बढती महंगाई से प्रत्येक परिवार की महिला पिस रही है। जमाखोरी को रोकने के लिये एक भी विशेष अदालत की स्थापना क्यों नहीं की गई है। महिलाओं की गरिमा के नाम पर शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान के तहत बने शौचालयों की जमीनी हकीकत क्या है।
प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया का जोरदार प्रचार कर रहे हैं लेकिन साइबर स्पेस में महिलाओं की गरिमा का हनन हो रहा है। वह चुप क्यों हैं? संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने में सरकार विफल क्यों रही है?