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Last Modified: सोमवार, 2 अप्रैल 2018 (21:41 IST)

'भारत बंद' में व्यापक हिंसा, 8 की मौत, जन जीवन अस्त-व्यस्त

'भारत बंद' में व्यापक हिंसा, 8 की मौत, जन जीवन अस्त-व्यस्त - Bharat Band, Violence
नई दिल्ली। अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में तत्काल गिरफ्तारी का प्रावधान हटाने के फैसले के विरोध में आज दलित समुदाय से जुड़े संगठनों के 'भारत बंद' के दौरान कई स्थानों पर हुई हिंसक घटनाओं में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए।


बंद के दौरान हिंसा की घटनाओं में मध्यप्रदेश में 5, उत्तरप्रदेश में 2 और राजस्थान में 1 व्यक्ति की मौत हुई है। इसके अलावा कई लोग घायल हुए हैं और कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। देशभर में विभिन्न हिस्सों में दलित समाज के कई संगठनों ने फैसले का विरोध करते हुए हिंसक प्रदर्शन किए।

कई स्थानों पर तोड़फोड़, आगजनी, यातायात जाम करने, रेल पटरियां उखाड़ने तथा पुलिस के साथ झड़पें हुई। कई शहरों में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। दलितों संगठनों के आह्वान पर आयोजित 'भारत बंद' से जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा।
कुछ स्थानों पर बाजार बंद रहे और वाहन नहीं चले। उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड, बिहार तथा पंजाब सहित अन्यों राज्यों में सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। विभिन्न राज्यों में हिंसक प्रदर्शनों से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित उत्तर प्रदेश तथा मध्यप्रदेश में त्वरित कार्य बल एवं अर्द्धसैनिक बलों की चार-चार कंपनियां भेजी गई हैं।

गृह मंत्रालय के अनुसार बंद और हिंसा से प्रभावित गुजरात, बिहार, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में स्थिति की निगरानी की जा रही है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पुलिस पूरी तरह चौकस है। उत्तर प्रदेश में स्थिति से निपटने के लिए त्वरित कार्य बल की दो कंपनी मेरठ में तथा एक-एक कंपनी हापुड़ तथा आगरा में भेजी गई है।

मध्यप्रदेश में ग्वालियर तथा भोपाल में दो-दो कंपनियां भेजी गई हैं। इस बीच केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सरकार ने फैसले के मद्देनजर उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर कर दी है। उन्होंने सभी पार्टियों, संगठनों और लोगों हिंसा नहीं भड़काने तथा शांति बनाएं की अपील की है।

राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों में हिंसक प्रदर्शन की खबरें मिली हैं जबकि पंजाब में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। कई शहरों में रेल, सड़क यातायात बंद और वाहनों को आग लगाने के समाचार भी मिले हैं।

राजस्थान में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इसके अलावा उत्तराखंड, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, छत्तीसगढ़, झारखंड, गोवा, ओडिशा, तेलंगाना और गुजरात में भी दलित समाज के संगठनों ने न्यायालय के फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया।

मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल में उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया, जिससे 5 लोगों की मौत हो गई और पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों समेत तीस से अधिक लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए ग्वालियर शहर के अलावा भिंड और मुरैना में कर्फ्यू लगा दिया है। ग्वालियर और भिंड जिले में दो-दो तथा मुरैना जिले में एक व्यक्ति की मौत हुई है।

बताया गया है कि इन सभी की मौत गोलियां लगने से हुई हैं। इन जिलों में दुकानों, वाहनों में तोडफोड कर कई जगह आग लगा दी गई। सागर, उज्जैन और कुछ अन्य स्थानों पर निषेधाज्ञा लगाई गई है। पूरे राज्य में पुलिस और अधिक ऐहतियात बरत रही है। इसके अलावा ग्वालियर में 18 से अधिक, भिंड में पांच से अधिक और मुरैना में सात से अधिक लोग घायल हुए हैं। घायलों में पुलिस अधिकारी कर्मचारी भी शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश में बंद के दौरान हुई हिंसा में दो व्यक्ति की मौत हो गई जबकि 45 लोग घायल हो गए। इसके अलावा 448 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। घायलों में तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। मेरठ में प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को आग लगा दी। पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़पें भी हुई।

इसके अलावा लोगों ने एक पुलिस चौकी को आग लगा दी। मेरठ और मुजफ्फरनगर में एक एक व्यक्ति की मौत होने की खबर है। बंद का असर गाजियाबाद, सहारनुपर, आजमगढ़, हापुड, आगरा, कानपुर और इलाहाबाद में देखा गया।

राजस्थान में बंद के दौरान हिंसा पर उतारू भीड़ को रोकने के प्रयास में पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई। बंद के दौरान राज्य में कई जगहों पर हिंसक झड़पें, आगजनी, लूटपाट की घटनाएं हुई जिसमें कई पुलिसकर्मियों सहित आम लोग भी जख्मी हुए।

राज्य में कई जगह रेलों को रोका गया और पुलिस थानों पर पथराव और पुलिस वाहनों को आग लगाई गई। इस दौरान पुलिस ने कई स्थानों पर बंद समर्थकों को हिरासत में लिया। प्रशासन ने राज्य के जालोर जिले के सांचोर, बाड़मेर के सिवाना, करौली के हिंडौनसिटी और बाड़मेर शहर में धारा 144 लगाई है, वहीं सीकर, बाड़मेर और अलवर में अलग-अलग समय तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।

अलवर जिले के खैरथल में पुलिस और प्रदर्शनकारियो के बीच हुई झड़प के दौरान गाड़ियों में आग लगा रहे उपद्रवियों को रोकने के लिए पुलिस को हवाई फायर करना पड़ा जिससे पवन नाम के एक युवक मृत्यु हो गई। बंद समर्थकों ने जयपुर, अलवर, जोधपुर, बीकानेर सहित कई स्थानों पर रेलों को रोका।

पंजाब में दलित संगठनों के प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। कुल मिलाकर स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में बनी हुई है तथा राज्य में रेल तथा सड़क यातायात ठप रहा। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदर्शनों के कारण भारत-पाक दिल्ली-लाहौर बस सरहिंद में घंटों फंसी रही। पटियाला, फिरोजपुर सहित कई ट्रैकों पर जाम के कारण ट्रेनें रोक दी गईं।

फिरोजपुर में डीएमयू ट्रेन रोक दी गई। गुरदासपुर में बंद के कारण पेट्रोल पंप सहित सभी कार्यालय तथा व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। फगवाड़ा जिले में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया तथा व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। राज्य में स्कूल, बैंक, बसें और इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं और दसवीं तथा बारहवीं की परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं।

हरियाणा में बंद के प्रभाव के कारण बाजार बंद हुए और लोगों ने जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया गया। रोहतक, भिवानी, करनाल, रिवाडी और अंबाला में विरोध प्रदर्शन किया गया। महाराष्ट्र में भी दलित संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया और जुलूस निकाले। पुणे, कोल्हापुर, नागपुर और मुम्बई से प्रदर्शनों की खबर कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़पें हुईं।

दिल्ली में दलितों ने कई स्थानों पर विरोध-प्रदर्शन किया। मुख्य प्रदर्शन संसद भवन के समक्ष किया गया। इसके अलावा शहर में जगह-जगह दलितों ने विरोध प्रदर्शन किया। दक्षिण भारत से भी भारत बंद का असर रहने के समाचार मिले हैं।

चेन्नई, विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा, हैदराबाद, बेंगलुरू और तिरुवनंतपुरम और गोवा आदि में बंद के कारण जन जीवन प्रभावित होने के खबर हैं। तेलंगाना में कई जिलों में यातायात प्रभावित हुआ और प्रदर्शनकारियों ने बसों को डिपो से नहीं निकलने दिया।

गुजरात में व्यापक प्रदर्शन हुए और कई स्थानों पर रेल-सड़क जाम, पथराव तथा दुकानों और शिक्षण संस्थानों को जबरन बंद कराने की घटनाएं भी हुईं। बंद समर्थकों ने कच्छ जिले के गांधीधाम शहर में सरकारी वाहन पर पथराव कर दिया। ऐसी ही भीड़ ने जूनागढ़, राजकोट, राजुला, चोटिला तथा कुछ अन्य स्थानों पर दुकानों में तोड़फोड़ भी की। प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कई स्थानों पर झड़प भी हुईं।

प्रदर्शनकारियों ने अहमदाबाद और अन्य शहरों में 20 से अधिक नगर सेवा की बसों और अन्य पर भी पथराव किया अथवा उन्हें क्षतिग्रस्त करने का प्रयास किया। इस दौरान कोई यात्री घायल नहीं हुआ। अहमदाबाद में नगर बस सेवा को कई मार्गों पर बंद करना पड़ा। बंद समर्थकों ने पाटन, हिम्मतनगर, थराद, नवसारी, भरूच, जूनागढ़, धानेरा, भावनगर, जामनगर, गाेंडल, अमरेली, तापी और साणंद तथा अन्य स्थानों पर रैलियां भी निकालीं।
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