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Last Updated : शनिवार, 22 अक्टूबर 2022 (22:28 IST)

अरुणाचल हेलीकॉप्टर हादसा : पायलट ने एटीसी को भेजा था आपात संदेश, सेना ने शुरू की हादसे की जांच

अरुणाचल हेलीकॉप्टर हादसा : पायलट ने एटीसी को भेजा था आपात संदेश, सेना ने शुरू की हादसे की जांच - Arunachal helicopter accident case
ईटानगर। अरुणाचल में सेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने के मामले में लापता अंतिम सैन्य कर्मी का शव मिल गया है, जिसके बाद मृतकों की कुल संख्या बढ़कर 5 हो गई है। दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले हेलीकॉप्टर से हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) कक्ष को तकनीकी खराबी के बारे में आपात संदेश भेजा गया था। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए सेना मुख्यालय ने 'कोर्ट ऑफ इंक्वायरी' का आदेश दिया है।

एक रक्षा प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। सेना का एक उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर (एएलएच) दो पायलट समेत पांच सैन्य कर्मियों को लेकर शुक्रवार सुबह नियमित उड़ान पर था और इस दौरान करीब 10 बजकर 43 मिनट पर तुतिंग कस्बे से लगभग 25 किलोमीटर दूर मिगिंग गांव के पास वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल एएस वालिया ने बताया कि शुक्रवार शाम चीन से लगी सीमा से लगभग 35 किलोमीटर दूर घने जंगल वाले पर्वतीय इलाके में मौजूद दुर्घटनास्थल से सेना के चार अन्य जवानों के शव बरामद कर लिए गए थे।

उन्होंने बताया कि मृतक सैन्य कर्मियों की पहचान पायलट मेजर विकास भांभू और मेजर मुस्तफा बोहरा, सीएफएन टेक एवीएन (एईएन) अश्विन केवी, हवलदार (ओपीआर) बिरेश सिन्हा और एनके (पीपीआर) रोहिताश्व कुमार के रूप में हुई है। अधिकारी ने कहा कि दुर्घटना के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है और विस्तृत जानकारी हासिल की जा रही है।

उन्होंने कहा, बताया गया है कि उड़ान के लिहाज से मौसम अच्छा था। पायलटों के पास एएलएच-डब्ल्यूएसआई उड़ाने का संयुक्त रूप से 600 से अधिक घंटे का अनुभव था। साथ ही वे कुल 1800 घंटे से अधिक उड़ान सेवाएं दे चुके थे। विमान को जून 2015 में सेना में शामिल किया गया था।

उन्होंने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले हेलीकॉप्टर से हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) कक्ष को तकनीकी खराबी के बारे में आपात संदेश भेजा गया था। लेफ्टिनेंट कर्नल वालिया ने कहा, दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए गठित ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ में इस पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।(इनपुट भाषा)
Edited by : Chetan Gour
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