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Last Updated : गुरुवार, 13 अक्टूबर 2022 (16:05 IST)

नहीं रहा सेना का जांबाज डॉग जूम, आतंकियों से एनकाउंटर के दौरान लगी थी 2 गोलियां

नहीं रहा सेना का जांबाज डॉग जूम, आतंकियों से एनकाउंटर के दौरान लगी थी 2 गोलियां - Army brave dog Zoom was no more, was injured during an encounter with terrorists
श्रीनगर। पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान जख्मी हुए सेना के जासूस डॉग जूम ने गुरुवार को अन्तत: दम तोड़ दिया। जूम को दो गोलियां लगी थीं। घायल होने के बाद उसका सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा था। जूम की सलामती के लिए प्रार्थना भी की गई थी। 
 
जूम का एडवांस फील्ड वेटरनरी अस्पताल में इलाज चल रहा है। वह लगभग 11:45 बजे तक अच्छी प्रतिक्रिया दे रहा था, लेकिन उसके बाद अचानक हांफने लगा और फिर उसने दम तोड़ दिया। लोगों ने जूम की मौत की खबर सुनकर ट्‍विटर पर उसे श्रद्धांजलि व्यक्त की। 
 
बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण : एसएस सिंह ने ट्‍विटर पर लिखा- बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण। उसने देश की सेवा की है और उसे हमेशा याद रखा जाएगा। प्रेम मोहंती ने लिखा- बहादुर योद्धा को श्रद्धांजलि। आशीष ने लिखा- हम तुम्हारी वीरता और सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद रखेंगे। 
गोलियों लगने के बाद भी हार नहीं मानी : उल्लेखनीय है कि जूम को उस घर के अंदर भेजा गया था, जहां आंतकदी छिपे हुए थे। आतंकियों ने उस पर गोलियां चला दीं जिसमें जूम को दो गोलियां लगीं, लेकिन इसके बावजूद वह आतंकियों से लड़ता रहा और उसकी मदद से सेना ने 2 आंतकियों को मार गिराया।
 
गोली लगने के बाद जूम को श्रीनगर स्थित सेना के पशु चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। सेना के अधिकारियों ने कहा कि जूम पहले भी उनके साथ कई सक्रिय अभियानों का हिस्सा रह चुका था। इस बार जूम को दो गोली लगी थीं, फिर भी वह आतंकियों से लड़ता रहा और अपना काम पूरा किया। उसकी मदद से हमने दो आतंकियों को मार गिराया है।
 
30 जुलाई को शहीद हुआ था एक्सल : इससे पहले 30 जुलाई को सेना का एक अन्य डाग ‘एक्सल’ भी एक आतंकी हमले में शहीद हो गया था। एक्सल को आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर मरणोपरांत वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बता दें कि भारतीय सेना कुत्तों की विभिन्न नस्लें रखती है, जो आतंकी मुठभेड़ और सर्च ऑपरेशन में उनकी मदद करते हैं। इनमें लैब्राडोर, जर्मन शेफर्ड, बेल्जियम मालिंस और ग्रेट माउंटेन स्विस डॉग शामिल हैं।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
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