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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 21 मार्च 2025 (19:00 IST)

भाषा विवाद पर अमित शाह की DMK को चुनौती, आप में तो हिम्मत ही नहीं है...

गृहमंत्री ने मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई तमिल भाषा में कराने की चुनौती तमिलनाडु सरकार को दी

Amit Shah
Amit Shah's statement on language dispute : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने त्रि-भाषा फार्मूले को लेकर जारी विवाद के बीच द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) पर जोरदार हमला बोला और कहा कि अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी भाषा को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। शाह ने कहा कि केंद्र सरकार 2 साल से तमिलनाडु सरकार से कह रही है लेकिन उसमें हिम्मत नहीं है मेडिकल और इंजीनियरिंग की शिक्षा को तमिल में अनुवादित करने की। उन्होंने कहा, क्योंकि आपके आर्थिक हित जुड़े हुए हैं। आप यह नहीं कर सकते हो। मगर हमारी सरकार आएगी वहां राजग की, तो हम मेडिकल और इंजीनियरिंग का कोर्स तमिल में बनाएंगे।
 
राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर हुई शुक्रवार को चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) इस मुद्दे को गांव-गांव लेकर जाएगा और द्रमुक की पोल खेलेगा। शाह ने स्पष्ट किया, हिंदी की किसी भी भारतीय भाषा से स्पर्धा नहीं है। हिंदी, सभी भारतीय भाषाओं की सखी है। हिंदी से ही सभी भारतीय भाषाएं मजबूत होती हैं और सभी भारतीय भाषाओं से ही हिंदी मजबूत होती है।
ज्ञात हो कि पिछले कुछ समय से केंद्र और तमिलनाडु के बीच भाषा को लेकर विवाद जारी है। तमिलनाडु ने केंद्र सरकार पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया है। हालांकि केंद्र ने इस आरोप से इनकार किया है। द्रमुक का कहना है कि केंद्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति में त्रि-भाषा फार्मूले के कार्यान्वयन के माध्यम से तमिलनाडु पर हिंदी भाषा 'थोपना' चाहता है।
 
राज्य सरकार का कहना है कि वह त्रि-भाषा फार्मूले का पालन नहीं करेगी, बल्कि तमिल और अंग्रेजी की, अपनी दशकों पुरानी द्वि-भाषा नीति पर ही कायम रहेगी। उच्च सदन में चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने राजभाषा विभाग के अंतर्गत भारतीय भाषा अनुभाग की स्थापना की है और सभी भारतीय भाषाओं के प्रचलन को बढ़ाने के लिए काम किया जाए।
सभी भाषाओं का हिंदी और अंग्रेजी से अनुवाद के लिए ऐप बनाए जाने की घोषणा करते हुए शाह ने कहा कि दिसंबर महीने के बाद वह हर राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री और सांसदों को या वहां के किसी भी नागरिक से उसकी ही भाषा में ही पत्र व्यवहार करने वाले हैं। उन्होंने कहा, ये जो भाषा के नाम पर दुकान चलाते हैं अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए, उनको यह मजबूत जवाब है।
 
शाह ने कहा कि भाषा के नाम पर बहुत राजनीति हो गई लेकिन अब यह बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा, देश आगे बढ़ गया है। अब विकास की बात करिए। आप अपने घपले, घोटाले, भ्रष्टाचार छिपाने के लिए भाषा की आड़ लेते हैं। आपकी हम पोल खोलेंगे। गांव-गांव जाकर पोल खोलेंगे कि अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए ये (द्रमुक) भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री ने भारत की एक-एक भाषा को भारत की संस्कृति का गहना करार दिया और भारतीय जनता पार्टी को दक्षिण भारतीय भाषाओं का विरोधी कहे जाने पर द्रमुक को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा, यह कैसे हो सकता है? हम भी तो वहीं से आते हैं? मैं भी गुजरात से आता हूं। निर्मला जी तमिलनाडु से आती हैं। हम कैसे विरोधी (दक्षिण भारतीय भाषाओं के) हो सकते हैं? क्या बात करते हो आप? हमने भाषाओं के लिए काम किया है। हमने मेडिकल और इंजीनियरिंग की शिक्षा को भारत की भाषाओं में किया है।
 
शाह ने कहा कि केंद्र सरकार 2 साल से तमिलनाडु सरकार से कह रही है लेकिन उसमें हिम्मत नहीं है मेडिकल और इंजीनियरिंग की शिक्षा को तमिल में अनुवादित करने की। उन्होंने कहा, क्योंकि आपके आर्थिक हित जुड़े हुए हैं। आप यह नहीं कर सकते हो। मगर हमारी सरकार आएगी वहां राजग की, तो हम मेडिकल और इंजीनियरिंग का कोर्स तमिल में बनाएंगे।
उन्होंने ‘भाषा के नाम पर जहर फैलाने’ वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें हजारों किलोमीटर दूर की कोई भाषा तो अच्छी लगती है पर भारत की भाषा उन्हें अच्छी नहीं लगती है। शाह ने कहा कि भारतीय भाषाओं के विकास के लिए राजग सरकार प्रतिबद्ध है, इसमें किसी को शंका नहीं होनी चाहिए। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour