नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में कहा कि माता-पिता को सामाजिक स्थिति के कारण बच्चों पर दबाव नहीं डालना चाहिए। साथ ही उन्होंने छात्रों को, अपेक्षाओं के किसी भी बोझ से बाहर निकलने के लिए अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी। उन्होंने तनाव, आलोचना, पढ़ाई पर ध्यान जैसे कई सवालों पर छात्रों का मार्गदर्शन किया। जानिए परीक्षा पर चर्चा में क्या बोले पीएम मोदी?
-ज्यादा से ज्यादा भाषाएं कैसे सीखें? इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि थोड़ा बहुत एक्सट्रोवर्ट होना जरूरी है। हमारे देश में विविध भाषाएं हैं। हमें इस पर गर्व होना चाहिए। कम्यूनिकेश में बहुत बड़ी ताकत होती है। कोशिश करना चाहिए कि पड़ोस के लोगों से एक-दो भाषाएं जरूर सीखनी चाहिए। भाषाएं जानने पर हजारों साल पुरानी सभ्यता जानने का मौका मिलता है। तमिल भाषा दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है। हमें इस पर गर्व होना चाहिए। उत्तर भारत का व्यक्ति डोसा खाता है, दक्षिण में पूड़ी सब्जी चाव से खाते हैं। इतनी ही सरलता से अपनी मातृभाषा के अलावा अन्य भाषाओं के कुछ तो वाक्य जरूर सीखें। बच्चों में भाषा सीखने की बहुत ज्यादा ताकत होती है।
-सोशल मीडिया के दौर में बिना भटके पढ़ाई पर ध्यान कैसे लगाएं? इस सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि सबसे पहले तय करें कि आप स्मार्ट है या गैजेट स्मार्ट। गैजेट आप से ज्यादा स्मार्ट नहीं हो सकता है। ज्यादातर लोग स्मार्ट होते हैं। गैजेट का सही इस्तेमाल करें। भारत में लोग औसतन 6 घंटे स्क्रीन के सामने बिताते हैं। गैजेट गुलाम बना देता है। हमें सचेत रहना चाहिए कि हम गैजेट के गुलाम ना बने। सोचना चाहिए कि मैं एक स्वतंत्र व्यक्ति हूं। मैं टैक्नोलॉजी से भागूंगा नहीं लेकिन उसका उपयोग अपने मुताबिक करूंगा।
-नकारात्मक लोगों से कैसे बचे? आलोचनाओं से कैसे लड़ते हैं? चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं? इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि समृद्ध लोकतंत्र के लिए आलोचना शुद्धि यंत्र की तरह है। हर कोई कमियों से मुक्ति का रास्ता चाहता है। कभी-कभी आलोचना करने वाला कौन है इस पर मामला सेट हो जाता है। कभी आपका कोई प्रिय मित्र आपकी आलोचना करता है तो आपका अलग रिएक्शन होगा। कभी कोई ऐसा छात्र जो आपको पसंद नहीं है तो रिएक्शन अलग होता है। अगर कोई आदतन आलोचना करते हैं तो इस पर ध्यान नहीं देना चाहिए। घर में आलोचना नहीं होती है क्योंकि इसके लिए अध्ययन की आवश्यकता होती है। माता पिता आलोचना नहीं टोका-टोकी करते हैं। गुस्सा आलोचना नहीं टोका-टोकी पर आता है। उन्होंने माता पिता को भी टोका-टोकी से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आरोप भी आलोचना नहीं है इसमें समय बर्बाद नहीं करना चाहिए। लेकिन आलोचना को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
-जोइता पात्रा के एवरेज स्टूडेंट कैसे पढ़ाई पर ध्यान लगाएं, संबंधी सवाल के जवाब में कहा कि ज्यादातर लोगों को नहीं पता होता कि वे औसत हैं? अपने सामर्थ्य को जानने वाले सामर्थ्यवान होते हैं। अभिभावक अपने बच्चों में हीन भावना ना आने दें। उनका सही मूल्यांकन करें। ज्यादातर सफल लोग एवरेज ही थे। असामान्य काम करके आए हैं। इन दिनों दुनिया में आर्थिक स्थिति की चर्चा हो रही है। किन देशों की आर्थिक स्थिति कैसी है। भारत को आज दुनिया में आशा की किरण के रूप में देखा जा रहा है 2-3 साल पहले हमें एवरेज ही कहा जाता था। लेकिन आज हम दुनिया में चमक रहे हैं। हम इस प्रेशर में ना रहे कि एक्सट्राऑर्डनरी नहीं है। हर एवरेज में एक्सट्राओर्डनरी होता है और हर एक्सट्राओर्डनरी में कुछ एवरेज होता है।
-सुजल के हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क संबंधी सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि आपने बचपन में एक कथा पढ़ी होगी। एक घड़े में पानी था, पानी गहरा था। कौआ आया और एक एक कर पानी को उपर लाया और पानी पिया। उन्होंने बच्चों से सवाल किया कि यह हार्ड वर्क था या स्मार्ट वर्क। कुछ लोग होते हैं जो हार्ड वर्क ही करते रहते हैं, कुछ लोग स्मार्ट वर्क ही करते हैं, कुछ लोग हार्डली स्मार्ट वर्क करते हैं तो कुछ स्मार्टली हार्ड वर्क। कौए ने भी यहां स्मार्टली हार्डवर्क किया। पहले काम को बारीकी से समझना चाहिए। बरसों के अनुभव से सीखना जरूरी।
-रुपेश और तन्मय के परीक्षा में अनुचित साधनों के प्रयोग से बचने संबंधी सवाल के जवाब में कहा कि मेहनती छात्रों को इस बात की चिंता होती है कि मैं मेहनत करता हूं लेकिन यह चोरी कर अपना काम निकाल लेता है। उन्होंने कहा कि मूल्यों में जो बदलाव आया है वह बेहद खतरनाक। ट्यूशन क्लास चलाने वाले टीचर्स भी नकल करने में मदद करते हैं। कुछ बच्चे नकल करने के तरीके ढूंढने में नंबर वन होते हैं। नकल की तकनीक ढूढने के बजाए उतना ही समय सीखने में लगा देते तो ज्यादा बेहतर कर सकते हैं। नकल करने वाला एक-दो परीक्षा पास करता है पर नकल से जिंदगी नहीं बन सकती। एक वातावरण बनाना होगा कि एक एक्जाम पास जरूर कर लोगे पर जिंदगी भर परेशान रहेंगे। मेहनती बच्चों की मेहनत जिंदगी में जरूर रंग लाएगी। हमें शार्ट कट की तरफ नहीं जाना चाहिए। जीतते जीतते जिंदगी जीनी चाहिए।
-चंपा की आरुषि के सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल परीक्षा के लिए ही नहीं जीवन में भी हमें टाइम मैनेटमेंट पर ध्यान देना चाहिए। काम से कभी थकान नहीं होती, संतोष मिलता है। समय का सही उपयोग करें। समय पर काम ना करने से दबाव बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि जितना पढ़े मन लगाकर पढ़ें। कागज पर नोट करें कितना समय कहां बिताना है। उसका एनालिसिस करें। मां के टाइम मैनेजमेंट को ऑबजर्व करें। घर में सबसे ज्यादा काम मां करती है लेकिन उसे काम में बोझ नहीं लगता है। अगर मां की गतिविधियों को ढंग से ऑबजर्व करोगे तो आपका टाइम मैनेजमेंट सही हो जाएगा।
-मदुरै की अश्विनी के सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि परिवार के लोगों की अपेक्षा स्वाभाविक। सोशल स्टेट्स के लिए बच्चों पर दबाव ना बनाए। बच्चों में हीन भावना ना आने दें। उन्होंने छात्रों से कहा, क्या हमें दबावों से दबना चाहिए। आप अपना स्वभाव, अपनी अपेक्षाओं को जानिए। उन्होंने कहा कि एक क्रिकेटर गेंद को उसके हिसाब से खेलता है ना कि ऑडियंस के चिल्लाने के आधार पर।
-प्रधानमंत्री ने कहा कि परीक्षा पर चर्चा मेरी भी परीक्षा। मुझे यह परीक्षा देने में मजा आता है।
-लाखों की तादाद में सवाल पूछे गए हैं।
-पीएम मोदी ने कहा कि शायद पहली बार इतनी ठंड में परीक्षा पे चर्चा हो रही है।
-दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम पहुंचे पीएम मोदी, कुछ ही देर में छात्रों के साथ करेंगे परीक्षा पे चर्चा।
-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 11 बजे दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में छात्रों के साथ परीक्षा पे चर्चा करेंगे।
-इसमें शामिल होने के लिए 38 लाख विद्यार्थियों ने कराया रजिस्ट्रेशन। इस बार पंजीकरण कराने वाले विद्यार्थियों की संख्या पिछले साल के मुकाबले 15 लाख अधिक।
-दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनके मंत्रियों और आम आदमी पार्टी (AAP) के 10 विधायकों को शुक्रवार शाम राज निवास में एक बैठक के लिए आमंत्रित किया है। अब लोगों की नजर इस बात पर टिकी हुई है कि क्या इस बैठक से दिल्ली की आम आदमी पार्टी नीत सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच जारी तकरार कम होगी?
-भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहला टी-20 मैच आज।
-PM मोदी इंडिया- सेंट्रल एशिया समिट के पहली मीटिंग की मेजबानी करेंगे।
-शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण स्टारर पठान ने पहले दिन दुनियाभर में 100 करोड़ की कमाई की।