व्यंग्य रचना : ब्रेड को बचाना है!
ब्रेड को सलीके से मोड़ने के बाद उसे चाय के कप में नज़ाकत से डूबाने की आलौकिक क्रिया करते हुए अखबार के प्रथम पृष्ठ पर दृष्टि गई। मोटे-मोटे अक्षरों में ब्रेड के संबंध में ऊलजलूल तथ्य लिखे गए थे। नाश्ते में अपनी सर्वाधिक निर्भरता ब्रेड (कभी-कभी बटर भी) पर रहती आई है इसलिए ब्रेड के बारे में प्रकाशित इस समाचार ने मुझे झझकोर दिया।
आनन-फानन में ब्रेड को उदरस्थ कर मैंने बाटू भैया के दरवाज़े पर दस्तक दी। बाटू भैया की दिव्यता अविवादित है तथा अपने को होने वाली समस्याओं के निराकरण हेतु उन पर अपना भरोसा गूगल से भी अधिक है। भैया हाथों में चाय की प्याली तथा बिस्कुट लिए प्रगट हुए। मैंने नमन कर पूूछा 'क्या भैया आप भी इन तथाकथित षडयंत्रों के शिकार हो रहे हैं कल साथ में ब्रेड खरीदी थी और आज आप बिस्कुट खा रहे हैं।
बाटू भैया बुद्धि के होल-सोल विक्रेता हैं इसलिए माजरे को तुरंत भांपते हुए बोले'आप भीतर आइए और शांति से कहिए आखिर हुआ क्या है? मैंने कहा 'देखिये मुन्नी बदनाम हुई डार्लिंग तेरे लिए गीत चर्चा में रहा था तथा बदनामी से अधिक बहस-मुबाहिसे मुन्नी के चरित्र के हुए थे'वे बोले 'उसका क्या करना है अभी बोलने वाले तो बोलते हैं लेकिन मुन्नी तो आज भी अपने शो के माध्यम से टैलेंट ढूंढने तथा पैसा कमाने में व्यस्त है 'मैंने कहा 'आपकी बात सही है किन्तु मुन्नी के बाद से ये बदनामी वाला सिलसिला थमने को तैयार ही नहीं है जो ऐसा लगता है कि जो व्यक्ति या वस्तु अपने को पसंद है बस उसे ही बदनाम किया जा रहा है'
भैया ने कहा 'देखिए जिनसे कैंसर होता है वे वस्तुएं तो ये बंद करा नहीं सकते अब ब्रेड के पीछे पड़े हैं आप चिंता मत करिए 'मैंने विगत वर्षों में खाई हुई तमाम किस्मों की ब्रेड को याद करते हुए कहा 'देखिए भैय्या पहले जब मैगी का चरित्र हनन हुआ था तब अपन ने इस बात को इतना गंभीरता से नहीं लिया था किन्तु आज ब्रेड के माथे पर कलंक लगाने की साजिश आरम्भ हुई है तथा इसका पुरज़ोर विरोध ज़रूरी नज़र आता है। भैय्या बोले 'देखिए ऐसा बताने का प्रयास मत कीजिये जैसे समूचे देश में एक आप अकेले ही ब्रेड के हिमायती हैं अरे भाई अभी तो सिर्फ आरोप लगाया गया है कोई अपराध थोड़ी सिद्ध हो गया है जो आप इतने विचलित हो रहे हैं 'मैंने याचना वाले भाव चेहरे पर लाते हुए कहा 'देखिए भैय्या शुरुवात में मैगी पर भी आरोप ही लगा था लेकिन कैसे कुछ महीने उसको मार्केट से विस्थापन झेलना पड़ा था अब आज वो ही सब ब्रेड के साथ दोहराया जा रहा है ये तानाशाही नहीं तो और क्या है?
मैगी का जिक्र आते ही भैया की आंखे बड़ी हो गईं। वे मोबाइल पर नंबर लगाकर बोले 'बंकू आज शाम को तुम पार्टी के सारे कार्यकर्ताओं की बैठक कॉलोनी के चौराहे के पास वाले बागीचे में बुला लो,कालू को ब्रेड तथा मेरे फोटो वाले अलग-अलग साईज़ के बैनर-फ्लेक्स बनाने का आर्डर दे दो,महिला कार्यकर्ताओं तथा बच्चों को ब्रेड के पैकेट वितरित करवा कर मुझे रिपोर्ट करो 'मैंने भैया की तरफ आश्चर्यपूर्वक निहारते हुए कहा 'अभी तो आप मुझे समझा रहे थे फिर यकायक क्या हुआ जो आंदोलन की तैयारी आरम्भ कर रहे हैं'वे बोले "आपने मैगी का जिक्र किया तो जहन में आया कि ऐसा ना हो कि किसी बाबा की ब्रेड लॉन्च करने के लिए अपनी ब्रेड छीनी जा रही हो और ऐसा है तो घर में रोटी रहे ना रहे ब्रेड ज़रूर रहेगी'
उनके घर से निकलते समय में आश्वस्त था कि नाश्ते में अपने को बटर भले मिले ना मिले ब्रेड तो रोज़ मिलेगी।