शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. मेरा ब्लॉग
  4. Narendra Modi, Sukma Naxalite attack, Indian Army

एक खत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम

एक खत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम - Narendra Modi, Sukma Naxalite attack, Indian Army
सेवा में,
माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी,
भारत सरकार
विषय- सुकमा में हुए जवानों पर नक्सली हमले पर 
आदरणीय,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी देश को आपसे काफी उम्मीद है। देश की जनता ने सोच-समझकर और आप पर भरोसा रखकर बीजेपी को पूर्ण बहुमत से सत्ता में बिठाया है...सुकमा में जवानों पर हुआ नक्सली हमला बहुत ही दुखद है...अब बारी है उनको उनकी भाषा में जवाब देने की..
 
भारत माता अपने वीर सपूतों को ऐसे नहीं खो सकती है..काफी अरसों से देखता और पढ़ता चला आ रहा हूं..जवानों पर हुए आतंकी हमले हों या नक्सली, हमने सिर्फ दो शब्द जाने हैं वो शब्द हैं निंदा..आखिर कब तक हम निंदा करते रहेंगे..निंदा करने से नक्सलियों और आतंकियों की मानसिकता तो बदल नहीं जाएगी..जहां तक मुझे लगता है कि उनका मनोबल जरूर बढ़ जाता होगा...
 
क्योंकि जवाबी कार्यवाई के नाम पर पहले निंदा करते हैं...कुछ दिन मीडिया में खबर चलती है..फिर क्या नतीजा आया किसी को नहीं पता..सरकार पिछले कुछ वर्षों से दावा कर रही है कि नक्सलियों में कुछ कमी आई है..लेकिन नक्सली अपनी कमी का नहीं मौजूदगी का अहसास कराते हैं, सेना के जवानों पर इस तरह से हमले करके..प्रधानमंत्री जी देश के पास बढ़िया से बढ़िया तकनीक है, हथियार हैं, फिर किस बात की चिंता है.. 
 
2010 में हुए नक्सली हमले, जिसमें 76 जवान शहीद हुए थे, तत्कालीन सरकार अगर ठीक से जवाब देती तो शायद आज फिर से ये स्थिति उत्पन्न न होती.. आपने कहा है कि मैंने घर-परिवार देश के लिए छोड़ा है.. देश के जवान देश की सुरक्षा के लिए घर-परिवार छोड़कर जाते हैं.. ऐसे कायरताभरे नक्सली हमले में शहीद हो जाते हैं...
 
और हमारे पास दो शब्द हैं परिवार के संवेदना और निंदा...आपने कहा था कि देश का कोई जवान अगर देश के नागरिक को कहीं दिखें तो उसे जरूर स्लूट करें...देश के नागरिकों को हमेशा सेना पर गर्व रहा है...अब इंसाफ कर दीजिए प्रधानमंत्री जी, जो बोली से नहीं समझना चाहते, उन्हें गोली से समझाए जाने की जरूरत है...
 
अगर इस बार भी हम ऐसे निंदा करके हाथ पर हाथ रखे बैठ गए तो उनका मनोबल और बढ़ेगा..एक बार कुछ करके दिखा दीजिए जिससे हमारे देश के जवानों का मनोबल बढ़े और नक्सलियों की कमर टूट जाए....और देश को भी लगे कि हमने जिसे सत्ता सौंपी है.. मुल्क की सुरक्षा को लेकर कोई कताही नहीं बरतने वाला प्रधान सेवक है.. देश का एक नागरिक होने के नाते दिल में काफी आक्रोश भी है..
 
लिखने को तो बहुत सारे शब्द हैं, पर कोई फायदा नहीं... आशा करता हूं कि देश ने जो उम्मीद आप से लगा रखी है, जिसे लेकर आप देश को निराश नहीं करेंगे...इस बार जवानों की इस कुर्बानी को व्यर्थ नहीं जाने देंगे.. आपकी कृपा होगी।
इतना कहकर मैं अपनी बात को यहीं समाप्त करना चाहूंगा...
धन्यवाद                                           
                                                                                                                   देश का एक नागरिक
ये भी पढ़ें
मजदूरों का शोषण मानवता का उपहास