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Written By Author डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी

'मन की बात' का जवाब 'टॉक टू एके'

'मन की बात' का जवाब 'टॉक टू एके' - Narendra Modi, Arvind Kejriwal, BJP, AAP
# माय हैशटैग
 
भाजपा के विज्ञापन अभियानों के जवाब में आम आदमी पार्टी के अरविन्द केजरीवाल ने भी वही रवैया अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दूरदर्शन और आकाशवाणी पर लाइव कवरेज में छाए रहते हैं। अरविन्द केजरीवाल ने इसका तोड़ निकालने की कोशिश की है। अखबारों में विज्ञापनों की भरमार के बाद आम आदमी पार्टी ने इंटरनेट का सहारा लिया है। सोशल मीडिया पर तो आम आदमी पार्टी और केजरीवाल पहले ही छाए हुए थे, अब वे प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ की तरह ही ‘जनता के मन की बात’ करने जा रहे है। 
17 जुलाई को अरविन्द केजरीवाल ने इंटरनेट पर ‘टॉक टू एके’ यानि अरविन्द केजरीवाल से बात कीजिए कार्यक्रम आयोजित किया। उसकी भूमिका में कई दिनों से अखबारों में विज्ञापन अभियान चल रहे थे। साथ ही सोशल मीडिया पर इस अभियान का जबरदस्त माहौल बनाया गया। जो वेबसाइट www.talktoak.com लांच की गई, उसको दूसरे सोशल मीडिया वेबसाइट से ही जोड़ने की योजना है। जैसे फेसबुक, यू-ट्यूब, ट्विटर आदि। इसके अलावा दिल्ली के दो टेलीफोन नंबर भी विज्ञापन में दिए गए, जहां लोग अपने सवाल बता सकते थे। साथ ही एक मोबाइल नंबर भी जहां लोगों ने अपने सवाल एसएमएस से भेजे। 
आम आदमी पार्टी यह माहौल बनाने में लगी है कि केन्द्र सरकार दिल्ली की सरकार को सहयोग नहीं कर रही। करीब डेढ़ साल में आम आदमी पार्टी के आठ विधायक अलग-अलग मामले में गिरफ्तार हो चुके है। मंत्रियों के अलावा दिल्ली की मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जैसे अफसर गिरफ्तार किए गए। इन सब बातों को आम आदमी पार्टी मोदी सरकार की साजिश का हिस्सा बता रही है। 
ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ कि अरविन्द केजरीवाल ने सीधे लोगों के सवालों के जवाब दिए। इसके पहले गूगल हैंगआउट के माध्यम से भी अरविन्द केजरीवाल सीधे सवालों का जवाब दे चुके है, लेकिन गूगल हैंगआउट का वह कार्यक्रम केवल पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए था। 
 
सोशल मीडिया पर अरविन्द केजरीवाल के इस सवाल-जवाब अभियान का कई लोगों ने मजाक भी उड़ाया। ट्विटर पर किसी व्यक्ति ने लिखा कि मैं गुवाहाटी में रहता हूं और मुझे छोटी-छोटी गलियों में से होकर जाना पड़ता है। केजरीवाल जी कृपया मुझे मार्गदर्शन दीजिए कि मैं कैसे और कब यू-टर्न लूं? किसी ने लिखा कि इस बार एक नया कार्यक्रम आ रहा है। कॉमेडी संडे विद केजरीवाल। 
 
एक शख्स ने तो इस तरह की प्रश्नावली ही बना डाली कि केजरीवाल से लोग क्या पूछेंगे- 1. चुटकुला सुनाने को कहेंगे, 2. गालियां देंगे, 3. मोदी पर नया आरोप लगाने के लिए कहेंगे, 4. केन्द्र में आप की सरकार बनाने की चर्चा करेंगे। एक न्यूज पोर्टल की तरफ से ट्विटर पर ही सवाल फेंका गया कि सबसे पहले तो योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण को इस कार्यक्रम में बुलाया जाना चाहिए था, जिन्हें आज तक केजरीवाल ने पार्टी से निकालने का कारण नहीं बताया। 
 
इन सब बातों के बावजूद आम आदमी पार्टी का उत्साह कम नहीं हुआ। मुख्यमंत्री से सीधे बातचीत का मौका कहकर इसे प्रचारित किया। कहा गया कि अरविन्द केजरीवाल यहां खुद की बात सुनाने के लिए नहीं, जनता की बात सुनने के लिए बैठे। यह होता है सत्ता का सही उपयोग। अरविन्द केजरीवाल ने किसी पर अपनी मन की बात नहीं थोपी, बल्कि लोगों की बात सुनी और उनके जवाब दिए। एक तानाशाह लोगों को अपनी बात सुनने के लिए मजबूर करता है और एक नेता लोगों को अपने बात कहने देता है और उनसे संवाद करता हैं। कई लोगों ने उस विज्ञापन की लाइनें भी लिख डाली- सीधी बात, नो बकवास। 
 
ट्विटर पर आप के कार्यकर्ताओं ने लोगों से अपील की कि वे केजरीवाल से कठिन से कठिन सवाल पूछे, ताकि आपको भी पता चले कि देश मन की बात से नहीं काम की बात से चलता है। बॉलीवुड के संगीतकार विशाल ददलानी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर फॉलोअर्स को यह समझाया कि मन की बात और टॉक टू एके में क्या अंतर है? अरविन्द केजरीवाल ने भी जहां मौका मिला, वहां अपने इस कार्यक्रम के बारे में लोगों को बताया। टॉक टू एके का फॉर्मेट इस तरह बनाया गया कि वहां लॉगइन करने के बाद लोग उनसे बातचीत कर सके और अपनी जिज्ञासाएं शांत कर सके।
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