भ्रूण हत्या पर तारों का संदेश
संजय वर्मा 'दृष्टि'
अंतरिक्ष में तारों की महासभा हुई। इसमें भ्रूण हत्या विषय पर चिंतनीय प्रश्न उठे, जो कि धरती पर रह रहे इंसानों के लिए थे। इसमें तारों का वरिष्ठ तारा बोला -" ये वैसा ही लगा जैसे धरती पर गर्भ से संसार में आने के पहले हो जाती है बिटिया ओझल।
तारा स्वत: टूटता है इसमें किसी का दोष नहीं। मगर गर्भ में ही कन्या भ्रूण तोड़ने पर इंसान होता ही है दोषी। भ्रूण हत्या होगी जब बंद तो बिटियाएं भी धरती पर से हमें निहार पाएंगी चांद-तारों सा नाम पाकर संग जग को भी रोशन कर पाएंगी।
यह बात बाद में समझ में आई। टूटा तारा लाया था एक संदेशा-भ्रूण हत्या रोकने का। उससे नहीं देखी गई ऊपर से ये क्रूरता। वह अपने साथी तारों को भी ये कह कर आया-तुम भी एक-एक करके मेरी तरह भ्रूण हत्या रोकने का संदेशा लेते आओ। कब तक नहीं रोकेगें क्रूर इंसान भ्रूण हत्याएं। संदेशा पहुंचे या न पहुंचे, पर रोकने हेतु यह हमारा आत्मदाह है, हमारा बलिदान है। देखना है हमें, यह कब काम आएगा।