• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. मेरा ब्लॉग
  4. Indore : Lok Sabha constituency

इंदौर लोकसभा सीट : किसके हाथ लगेगी लोकसभा की बाजी

इंदौर लोकसभा सीट : किसके हाथ लगेगी लोकसभा की बाजी - Indore : Lok Sabha constituency
* भाजपा की सशक्त उम्मीदवार मालिनी गौड़ तो कांग्रेस में पंकज संघवी
 
इंदौर लोकसभा सीट से इस बार कौन सा दल बाजी मारेगा, इसके समीकरण लगने शुरू हो गए हैं। मालवा-निमाड़ की अधिकांश विधानसभा सीटों पर भाजपा को इसलिए मुंह की खानी पड़ी, क्योंकि भाजपा ने लोगों को भावनात्मक रूप से तो काफी प्रभावित किया मगर किसानों, जीएसटी, नोटबंदी जैसे कारनामों ने जनता को काफी परेशान किया। रही बात लोकसभा उम्मीदवार की तो इस बार ताई यानी सुमित्रा महाजन की 10वीं बार हैट्रिक लगना मुश्किल लग रहा है।
 
 
ये जरूर हो सकता है कि 2 नंबर के सहारे भाजपा सांसद उम्मीदवार को वोटों का टेका लग जाए, क्योंकि ताई के घोर विरोधी क्षेत्र 2 नंबर के हाथ में ही चुनाव की कमान सौंप दी गई है। ताई बनाम सुमित्रा महाजन को जनता ने हर बार इस उम्मीद के साथ चुना कि भाजपा की यह सशक्त उम्मीदवार इंदौर के लिए कुछ करेंगी लेकिन थोड़ा-बहुत जो कुछ किया, वो गिनती योग्य नहीं कहा जा सकता।
 
इस बात में कोई दोराय नहीं कि परिस्थितियों ने भाजपा के हाथों में सत्ता सौंपी थी रामजी के सहारे। आडवाणी और अटलजी ने भाजपा का माहौल बनाया था। फिर भाजपा ने भावनात्मक मिशनरी तरीके से लोगों को अपने करीब किया, लेकिन टेक्निकल रूप से जनता परेशान हो गई।
 
 
मप्र की इंदौर लोकसभा सीट ने भाजपा उम्मीदवार के सहारे हैट्रिक बनाई है यानी भाजपा उम्मीदवार सुमित्रा महाजन इंदौर की लोकसभा सीट से 9 बार सांसद रह चुकी हैं। लेकिन अब सांसद का टिकट सुमित्रा महाजन को मिलना असंभव लगता है। इसकी सबसे बड़ी वजह है सांसद सुमित्रा महाजन की इंदौर को लेकर उदासीनता। इंदौर की जनता ने जिस उम्मीदवार को 9 बार जिताने में कोई कसर नहीं छोड़ी, उस उम्मीदवार को तो इंदौर को शानदार बना देने में कोई कसर नहीं करनी थी। लेकिन आपसी गुटिया लड़ाई ने ऐसा नहीं होने दिया है।
 
 
अब भाजपा में सुमित्रा महाजन के बाद कोई दमदार उम्मीदवार है तो वे हैं मालिनी गौड़। वैसे तो ताई को जिताने में आरएसएस, 2 नंबर क्षेत्र आदि आदि कोई कसर नहीं छोड़ेंगे फिर भी वोटों का प्रतिशत इतना शानदार नहीं रहेगा जितना कि पूर्व के चुनाव में था। हां, अगर मालिनी गौड़ इस बार सांसद का टिकट पाती हैं तो वोटों का प्रतिशत थोड़ा-बहुत इतिहास रच सकता है।
 
कांग्रेस का दमदार नाखुदा पंकज संघवी
 
इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस किस उम्मीदवार को खड़ा करेगी, इस गणित में सभी उलझे हुए हैं। कांग्रेस से सशक्त उम्मीदवार के रूप में केवल एक ही नाम जनता के आगे है- पंकज संघवी। एक ऐसी हस्ती जिसके पास जनता का साथ है।
 
कहा जाता है कि पंकज संघवी के बंगले से कोई भी गरीब या जरूरतमंद खाली नहीं लौटता। इसके लिए पंकज संघवी किसी व्यापारी वगैरह को भी परेशान नहीं करते बल्कि अपने पास से ही उस जरूरतमंद की सहायता करते हैं। यानी जनता में जितना क्रेज भाजपा का है, उससे कहीं अधिक क्रेज अकेले पंकज संघवी का है, कांग्रेस तो दूर की बात है। यानी यह कह सकते हैं कि पंकज संघवी एक ऐसे हीरो हैं, जो कांग्रेस की फिल्म को अकेले दम पर चला सकते हैं।
 
 
अगर कांग्रेस इस शख्सियत पर भरोसा और विश्वास रखकर टिकट देती है तो इत्तफाकन कांग्रेस को लोकसभा की सीट, जो 1989-90 से लगातार दूर होती जा रही थी, फिर से मिल सकती है। रहा सवाल दूसरे उम्मीदवारों का तो उनमें दूसरी शख्सियत हैं सत्यनारायण पटेल। लेकिन सत्यनारायण पटेल को जनता उतना नहीं चाहती जितना कि पंकज संघवी को चाहती है यानी लोकसभा इंदौर की नैया के पंकज संघवी ही खिवैया हो सकते हैं।
 
सबसे ज्यादा डर मराठी वोटबैंक का है तो कांग्रेस अगर पंकज संघवी को टिकट दे सकती है तो पंकज संघवी का मिलनसार व्यवहार और सामाजिक सेवा से मराठी वोटबैंक भी प्रभावित हो सकता है जिसे सत्यनारायण पटेल नहीं कर सकते। इस बात में दोराय नहीं है कि कांग्रेस का माहौल फिर से बनने लगा है और मौका है इस बात का कि कांग्रेस एक ऐसे उम्मीदवार को खड़ा करे जिसकी जनता में छवि बेदाग हो और ऐसी शख्सियत केवल पंकज संघवी हैं।