मंगलवार, 5 नवंबर 2024
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life in the times of corona : खुशी व प्यार ही सकारात्मकता प्रदान करेंगे

life in the times of corona : खुशी व प्यार ही सकारात्मकता प्रदान करेंगे - corona times and positive approach
lockdown में कुछ बातें बड़ी अच्छी भी हो रही हैं। भगवान के अंश, यानि मानव भगवान यानि पंचतत्व भ से भूमि, ग से गगन, व से वायु, अ से अग्नि और न से नीर को स्वच्छ करने का कारण (बीमारी के डर से ही) बन गया है।
 
और इन सब बातों के अलावा पारिवारिक माहौल तो बदला ही है। इसी बदलाव के चलते मेरी छोटी भतीजी जिसे स्कूल के रूटीन होमवर्क से फुर्सत नहीं मिलती थी वो मेरे साथ कार्टून देख रही थी। यानि मैं उसके साथ देख रही थी। कोई ‘फ्रोज़न’नामक कार्टून फिल्म थी। 
 
चूंकि मैंने बाद में देखना शुरू किया सो वह मुझे उसकी पहले की कहानी बताने लगी - ‘‘देखो माँ... ये जो राजकुमारी है ना... इसके हाथों में जादू है और ये एक राजकुमार है... और ये दूसरी वाली है ना...ये राजकुमारी  की बहन है...। ये जो जादू के हाथों वाली राजकुमारी है ना... जब ये दुखी या गुस्सा होती है ना... तो इसके हाथों से बर्फ निकलना शुरू होती है, और सब कुछ जम जाता है और बर्फ का तुफान आ जाता है। जैसे अभी है...’’ मैंने स्क्रीन पर देखा तब मैं उस जगह की सुन्दरता की तारीफ ही कर रही थी कि कितना सुन्दर है... एकदम साफ बर्फ...
 
वह आगे बोली - ‘‘तो अभी वह ना दुखी है... उसकी बहन उससे दूर चली गई है और जब वह खुश होती है ना और वह प्यार करती है ना... तो सारी बर्फ हट जाती है और सारे फूल और हरियाली आ जाती है।’’
 
और उसकी ये बात चलते-चलते फिल्म की जादुई हाथों वाली राजकुमारी भागती जा रही थी... उसकी बहन मौत की कगार पर थी... बहन का दोस्त राजकुमार भी क्रोधित हो उसे मारने को भाग रहा था। तभी दोनो राजकुमारी बहने मिलती हैं गले लगती हैं और ठंड से मरने जा रही राजकुमारी ठीक होने लगती है क्योंकि जादुई राजकुमारी जैसे ही बहन से गले मिलती है, उसके हृदय में प्यार उमड़ता है... वो खुश हो जाती है और पूरे बर्फ से ढके पहाड़, वृक्ष, महल, मकान, बगीचे सब पर से बर्फ हट जाती है और चारों ओर हरियाली, फूल और खुशियाँ...। 
 
बिटिया को भी ये संदेश इस कार्टून फिल्म के माध्यम से समझ आया कि क्रोध व दुख से वातावरण अच्छा नहीं होता ...सब निगेटिव होता है...सब बर्बाद होता है..और लोग परेशान होते हैं.... परन्तु  प्यार व खुशी से सब कुछ अच्छा हो जाता है। 
 
ये संदेश आज के माहौल में भी कितना सही/सटीक लग रहा है। एक बीमारी के रूप में कोई विपदा आई है। क्रोध-दुख और निराशा से माहौल, वातावरण खराब व नकारात्मक ही होगा। लेकिन यदि हम जो मिल रहा है उसमें ही प्रसन्न संतुष्ट व सकारात्मक रहेंगे तो यकीनन वातावरण भी सकारात्मक ही रहेगा।
 
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