- सुनील चौरसिया
जीवन में सफलता के लिए आत्मविश्वास उतना ही आवश्यक है, जितना मानव के लिए ऑक्सीजन तथा मछली के लिए पानी। बिना आत्मविश्वास के व्यक्ति सफलता की डगर पर कदम बढ़ा ही नहीं सकता। आत्मविश्वास वह ऊर्जा है, जो सफलता की राह में आने वाली अड़चनों, कठिनाइयों एवं परेशानियों से मुकाबला करने के लिए व्यक्ति को साहस प्रदान करती है।
इमर्सन का कथन है- ''संसार के सारे युद्धों में इतने लोग नहीं हारते, जितने कि सिर्फ घबराहट से।' अतः अपने ऊपर विश्वास रखकर ही आप दुनिया में बड़े से बड़ा काम सहज ही कर सकते हैं और अपना जीवन सफल बना सकते हैं। मधुमक्खी कण-कण से ही शहद इकट्ठा करती है। उसे कहीं से इसका भंडार नहीं मिलता। उसके छत्ते में भरा शहद उसके आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम का ही परिणाम है।
दुनिया में ईश्वर ने सभी को अनंत शक्तियां प्रदान की हैं। हर किसी में कोई न कोई खास बात होती है। बस, जरूरत है अपने अंदर की उस खास शक्ति को पहचानने की, उसे निखारने की। जो काम दूसरे लोग कर सकते हैं, वो काम आप क्यों नहीं कर सकते? अपने आप पर भरोसा कीजिए फिर दुनिया भी आप पर भरोसा करेगी।
महात्मा गांधी भी इस आत्मविश्वास के बल पर सत्य और अहिंसा के अस्त्र बनाकर स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े। अंततः वे भारत माता की दासता रूपी बेड़ी को काटने में सफल रहे। अब्राहम लिंकन ने अथक प्रयास कर दासों को मालिकों के शिकंजे से मुक्त कराया। उन्होंने अपनी डायरी में लिखा था कि मैंने अपने ईश्वर को वचन दिया है कि दासों की मुक्ति का कार्य अवश्य पूरा करूंगा।
इसी आत्मविश्वास ने कोलंबस को अमेरिका की खोज में सहयोग दिया था। नेपोलियन ने इसी शक्ति से ओतप्रोत होकर अपने सेनापति से कहा था कि यदि आल्पस पर्वत हमारा मार्ग रोकता है तो वह नहीं रहेगा और सचमुच उस विशाल पर्वत को काटकर रास्ता बना लिया गया।
आत्मविश्वास मनुष्य के अंदर ही समाहित होता है। आपको इसे कहीं और अन्य जगह से लाने की जरूरत नहीं है। यह आपके अंदर ही है, बस जरूरत है अपने अंदर की आंतरिक शक्तियों को इकट्ठा कर अपने आत्मविश्वास को मजबूत करने की।