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Written By विशेष प्रतिनिधि
Last Updated : मंगलवार, 2 अक्टूबर 2018 (20:23 IST)

मध्यप्रदेश : कांग्रेस-भाजपा के लिए परेशानी बनेगा 'जयस', किसान महापंचायत से दिखाई सियासी ताकत

मध्यप्रदेश : कांग्रेस-भाजपा के लिए परेशानी बनेगा 'जयस', किसान महापंचायत से दिखाई सियासी ताकत - Jayas Mahapanchyat in Kukshi
गांधी जयंती के दिन जहां दिल्ली में किसान आंदोलन की खबरें सुर्खियों में छाई रहीं, वहीं मध्यप्रदेश के आदिवासी जिले धार के कुक्षी में जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) ने किसान महापंचायत के जरिए अपनी सियासी ताकत दिखाई।
 
 
किसान महापंचायत में आदिवासी जिलों से आए हजारों की संख्या में किसान और जयस के कार्यकर्ता शामिल हुए। किसान महापंचायत में आदिवासी अंचल से आए किसान और आदिवासी जयस के झंडे हाथ में लेकर अब की बार आदिवासी सरकार के नारे लगा रहे थे, वहीं सभा को संबोधित करते हुए जयस के राष्ट्रीय संरक्षक हीरालाल अलावा ने कहा कि इस बार प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। 
 
हीरालान ने कहा कि आदिवासियों के हित सुरक्षित रहें, इसके लिए जरूरी है कि इस बार प्रदेश में आदिवासी मुख्यमंत्री बने। अपने भाषण में जयस संरक्षक हीरालाल अलावा ने भाजपा और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
 
भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के आदिवासियों के बीच जाने पर उनके साथ पारंपरिक नृत्य करने को लेकर भी हीरालाल ने उनको कठघरे में खड़ा किया, वहीं प्रदेश भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को निशाने पर लेते हुए हीरालाल ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री से मांग की थी कि आदिवासी इलाकों में स्कूल-कॉलेज, छात्रावास और मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की मांग की थी, जिसे सरकार ने पूरा करने की जगह सीधे खारिज कर दिया।
 
 
हीरालाल ने कहा कि आदिवासियों को उनका हक दिलाने के लिए जरूरी है कि आज एक नई राजनीति की शुरुआत हो, जो संविधान की पांचवी अनुसूची के अनुसार आदिवासियों को उनका हक दिला सके। आदिवासियों के वनाधिकार कानून के हक की लड़ाई लड़ सके।
 
हीरालाल ने कहा कि इसके लिए राजनीति में नए और युवा लोगों को आने की जरूरत है, जो गरीब आदिवासी के बीच रहकर काम करें। जयस संरक्षक हीरालाल ने कहा कि अब तक सियासी दल ने शराब और कपड़े के लालच देकर गरीब आदिवासी को वोट लेने में सफल हो जाते हैं, लेकिन इस बार वे सफल नहीं होंगे।
हीरालाल ने भाजपा नेताओं को चुनौती देते हुए कहा कि इस बार विधानसभा चुनाव में आदिवासियों की 47  सीटों में से एक भी सीट लेने में सफल नहीं होगी, किसान महापंचायत में बॉलीवुड एक्टर गोविंदा भी शामिल हुए।
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