कांग्रेस-बसपा का गठबंधन बदल सकता है मप्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में भाजपा का खेल
साल 2018 देश की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण साल साबित होगा। इस बार अगर कांग्रेस और बसपा का गठबंधन बना तो मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले चुनावों में वह अपनी जीत दर्ज कर राजनीति का तख्ता पलटने में सफल होगी।
मेघालय, त्रिपुरा, नगालैंड और कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के बाद अब बारी है मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की। साल 2018 के अंत में इन तीनों राज्यों में होने वाला चुनाव ही सत्ता की दिशा पलट सकता है। इन राज्यों में होने वाली हार-जीत से 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर काफी असर पड़ेगा, इसीलिए सभी राजनीतिक दल प्रदेशों में होने वाले चुनावों को लेकर काफी सतर्क हो चुके हैं।
इस वजह से 2018 में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए सरकारें अभी से तैयारियों में जुट चुकी हैं। कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले इन चुनावों में कांग्रेस और बसपा चुनाव पूर्व गठबंधन बनाकर अपनी सरकार बनाने की योजना बना रही है। अगर साल 2003, 2008 और 2013 के आंकड़े देखें तो कांग्रेस और बसपा के इस गठबंधन ने भाजपा सरकार को हमेशा ही कांटे की टक्कर दी है।
वहीं अगर बसपा-कांग्रेस के मतों की संख्या को देखें तो छत्तीसगढ़ में इनकी कुल संख्या भाजपा के कुल मतों से हमेशा ही ज्यादा रही है, जबकि मप्र और राजस्थान में हमेशा ऐसा नहीं हुआ है। राजस्थान में साल 2008 को छोड़ दें तो भाजपा अन्य सभी बार अपनी सरकार बनाने में कामयाब रही है, वहीं कांग्रेस हमेशा दूसरे स्थान पर आई है। आंकड़ों की मानें तो बसपा-कांग्रेस गठबंधन और भाजपा के बीच हमेशा ही जीत का अनुपात बहुत ही कम रहा है।
कांग्रेस के पिछले इन्हीं पुराने अनुभवों ने उसे एक बार फिर से यही निर्णय लेने पर मजबूर कर दिया है। इसी वजह से कांग्रेस फिर 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव में चुनाव पूर्व गठबंधन बनाना चाहती है। अगर कांग्रेस और बसपा का गठबंधन बना तो शायद वो इस बार मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले चुनावों में अपनी जीत दर्ज कर राजनीति का तख्ता पलटने में सफल होगी।