शिवराज पर कांग्रेस का तीखा आरोप, गृह जिले के 24 गांवों के किसानों ने मांगी इच्छामृत्यु
भोपाल। कांग्रेस ने दावा किया कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है जहां के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले के 24 गांवों के किसानों ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग की है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रदेश में हर दिन चार किसान फांसी के फंदे पर झूल जाते हैं।
प्रदेश में पिछले 15 सालों से सत्तारुढ़ भाजपा के खिलाफ आरोप पत्र जारी करते हुए कांग्रेस के मीडिया प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार के पिछले 15 साल झूठी विकास दर, झूठे कृषि विभाग, झूठी सिंचाई, व्यापमं की लूट, लचर जनस्वास्थ्य सेवाएं, व्यभिचार, अनाचार, बलात्कार, बच्चों के निवालों पर डाका, किसानों के सीनों पर गोली, विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप की चोरी, बच्चियों के अपहरण, मानव तस्करी और माफियाराज का एक महायुग है, जिसने मध्यप्रदेश की भूमि को पूरे विश्व में बदनामी का शिकार बनाया है।
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि व्यापमं के माध्यम से 50-60 हजार करोड़ का लेनदेन हुआ, मगर देने वाले तो जेल चले गए और लेने वाले सुख की नींद सो रहे हैं। व्यापमं अभी जारी है, भले ही उसका नाम बदल दिया गया हो और मध्यप्रदेश के बच्चों का भविष्य रोज मौत के आगोश में सिमट रहा है।
उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना और भावान्तर से दलालों ने चांदी काटी और किसान मुरझा गया, मंदसौर में शांतिप्रिय किसान भाइयों पर चलवाई गई गोली से 23 साल की निर्दोष विधवा हो गई, डेढ़ साल का मासूम बच्चा अनाथ हो गया, मगर गोली चलाने वालों पर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।
हालांकि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने कांग्रेस के आरोप पत्र को सुर्खियां बटोरने का हथकंडा बताया और कहा कि वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के पहले भी कांग्रेस ने इस तरह का आरोप पत्र जारी किया था, लेकिन कांग्रेस स्वयं इसे गंभीरता से नहीं लेती। इन आरोपों पर विपक्षी दल कांग्रेस ने कितने धरने और प्रदर्शन किए।