भाजयुमो की चुनौती, मध्यप्रदेश में सीएम उम्मीदवार घोषित करे कांग्रेस
इंदौर। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की 'एकता' और 'क्षमता' पर सवाल उठाते हुए सत्तारूढ़ भाजपा की युवा इकाई ने आज सूबे के प्रमुख विपक्षी दल को सीधी चुनौती दी।
भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने कहा कि कांग्रेस इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ इस पद का उम्मीदवार घोषित करके दिखाए।
भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष अभिलाष पांडे ने कहा, 'हम शिवराज के नाम पर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। मैं कांग्रेस से आह्वान करता हूं कि अगर उसमें एकता और क्षमता है, तो वह शिवराज के खिलाफ मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करके दिखाए।'
उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा, 'कमलनाथ प्रदेश स्तर के नहीं, बल्कि केवल छिंदवाड़ा शहर के नेता हैं। वह शिवराज का मुकाबला नहीं कर सकेंगे। शिवराज किसान के बेटे हैं, जबकि कमलनाथ उद्योगपतियों की नुमाइंदगी करते हैं।'
शिक्षा, नौकरियों और पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था के खिलाफ प्रदेश में सामान्य वर्ग के संगठनों के सक्रिय होने के बारे में पूछे जाने पर भाजयुमो अध्यक्ष ने कहा कि आरक्षण का मामला न्यायपालिका के सामने लंबित है। हम न्यायपालिका के आदेश का सम्मान करते हैं। हालांकि, हमारी पार्टी की सरकार सभी वर्गो के हितों की रक्षा करती है।'
गुजरात के पाटीदार आरक्षण आंदोलन के युवा नेता हार्दिक पटेल की आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मध्य प्रदेश में बढ़ती सक्रियता पर पांडे ने कहा, 'गुजरात में हार्दिक की मदद के कारण ही कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। वह मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस की मदद करेंगे, तो हम उन्हें फिर नाकाम कर देंगे।'
पांडे ने एक सवाल पर स्वरोजगार को बेरोजगारी की समस्या का एकमात्र हल बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार युवाओं का कौशल विकास कर उनके स्वरोजगार की दिशा में कई कदम उठा रही है।
सूबे के आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के कई नेता पुत्रों की उम्मीदवारी की अटकलों पर पांडे ने कहा, 'नेता पुत्र होना किसी व्यक्ति की खूबी या खामी नहीं है। जिसमें चुनाव जीतने की क्षमता होगी, भाजपा उसे टिकट देगी।'
उन्होंने यह भी बताया कि वह भाजयुमो के 'युवा संकल्प अभियान' के तहत सूबे के 37 जिलों के उन 110 विधानसभा क्षेत्रों की यात्रा कर रहे हैं जहां वर्ष 2013 के पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत या हार का अंतर 5,000 मतों तक का रहा था। करीब 4,000 किलोमीटर की यह यात्रा आगर-मालवा जिले के नलखेड़ा से 15 जून से शुरू हुई थी और तीन जुलाई को छिंदवाड़ा में समाप्त होगी। (भाषा)